राजनीति के सितारा खो गया!रेलवे की परीक्षा में हिंदी के विकल्प देकर किया था उपकार!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।
बाबूचक, पटना।राजनीति क्षैतिज से एक चमकता सितारा गुम हो गया।पासवान जी भारतीय राजनीति को अपने हिसाब से चलाए,बिल्कुल अपनी मर्जी से।सामाजिक नब्ज पकड़ते थे,इसलिए इन्हें मौसम वैज्ञानिक की संज्ञा दिया जाता रहा ।इनकी दूरदर्शिता के लोग कायल थे।रेलमंत्री रहते परीक्षा में अंग्रेजी के जगह हिंदी के विकल्प रखे।नतीजा,लाखों हिंदी भाषी क्षेत्र के लोग रेलवे की नॉकरी में गये।हाजीपुर अपना बेटा से कम प्यार नही दिया, रिकॉर्ड वोट से जीतने का खिताब मिला ,बदले में इन्होंने भी पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय,होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की व्यवस्था दिया।जेपी के अनुयायी और लालू,नीतीश, शरद यादव के गहरे मित्र थे।राजनीति में जितना नया नया प्रयोग इनके द्वारा किया गया ,अन्यत्र दुर्लभ है।दलित सेना की स्थापना कर दलितों में नई राजनीति चेतना जगाई।बाबा चूहड़मल की जयंती बाढ़ में धूमधाम से मना कर अपनी विरासत को लोहा मनवाया।एक वोट से बाजपेयी की सरकार को गिर जाना, इनके जिद्दी स्वभाव का धोतक था।जनता दल से अलग होकर लोजपा पार्टी बनाई जो सत्ता की सीढ़ी थी।पासवान जी को चले जाना अपूर्णीय क्षति है। प्रसिद्ध यादव।
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