बिहार में कोरोना जांच घोटाला ।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

 कितना नीचे गिरेंगे लोग! बिहार में,सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला, मेधा घोटाला, जल नल योजना घोटाला, जल जीवन हरियाली,मनरेगा,इंदिरा आवास, स्कॉलरशिप आदि से मन नही भरा तो जीवन से खिलवाड़ कर कोरोना जांच घोटाला हो गया।जमुई जिला एक बानगी मात्र है,हर जिले में परायः यही हाल है।आखिर सरकार और इनके तिरमदर केवल वेतन लेने के लिये है।अगर नियंत्रक ही अनियंत्रित हो जाये,लूट मचा दे तब समझिये पूरी व्यवस्था चौपट है,पंगु हो गयी है।कोरोना में जहां दुनिया दहशत में थी,लोगों की जान की लाले पड़ी थी,भी भ्रष्ट लोग पैसा बनाने में लगे हुए थे,फर्जी जांच के आंकड़े सेंसेक्स की तरह बढ़ा रहे थे और सरकार पीठ थपथपा रही थी। लोकलाज का भी डर खत्म हो गया।आखिर डॉक्टरों से भरोसा क्यों उठने लगा?जब संवेदना खत्म हो जाये तब कोई भी निश्चर हो जाता है।इसलिए संवेदना और नैतिकता जरूरी है।सरकार  हर जिले में जांच करवाकर दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जरूरत है और निरंतर निगरानी करने की जरूरत है।

प्रसिद्ध यादव।


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