"कायर" नाटक की समीक्षा -प्रसिद्ध यादव द्वारा अवश्य पढ़ें।

  न्यू जयशिका  की ओर से  सूत्रधार खगोल विरासत नाट्य महोत्सव - 2021 में मुंशी प्रेमचंद के  नाटक 'कायर' का मंचन किया गया। मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित ,नाट्य रूपांतरण मृतुन्जय शर्मा और  नीरज कुमार द्वारा निर्देशित  इस नाटक में वर्तमान में समाज में प्रेम के नाम पर हो रहे खेल पर कटाक्ष किए गए हैं। नाटक में दिखाया गया कि रिटायर्ड शिक्षक गिरधारी लाल की बेटी प्रेमा कॉलेज में ही पढ़ती है और पढ़ाई को ही सब कुछ मानती है। उसकी कक्षा में ही पढ़ने वाला केशव नाम का युवक प्रेमा को अपने प्रेम के जाल में फंसा लेता है। गिरधारी लाल शादी का प्रस्ताव लेकर केशव के पिता से मिलते हैं तो वे उन्हें अपमानित करके भगा देते हैं। केशव भी प्रेमा से शादी करने से मना कर देता है। इससे परेशान होकर प्रेमा कमरा बंद कर के आत्महत्या करने का प्रयास करती है, तभी सुरेश नाम का अनाथ युवक आता है जिसको गिरधारी लाल ने पढ़ाया था और वह आज बड़े पद पर कार्यरत था। वह प्रेमा से कहता है कि 20 दिन के प्रेम में उसने अपने मां-बाप को भुला दिया। क्या उसका अपने मां-बाप के प्रति कोई कर्तव्य नहीं है। इस पर प्रेमा आत्महत्या के विचार को त्याग देती है। उसकी शादी सुरेश से हो रही होती है तो केशव शादी का प्रस्ताव लेकर आता है, प्रेमा यह कहकर उसे भगा देती है कि एक कायर किसी का पति बनने लायक नहीं हो सकता। नाटक के कलाकार गौरिका सक्सना, विपिन कसाना, मृगांक शर्मा, सोनम श्रीवास्तव आदि के अभिनय को सभी ने जमकर सराहा।

कलाकारों में - सूत्रधार अमित राय, अनिकेत कुमार, प्रेमा निशा कुमारी, केशव शशी भूषण कुमार,रमेंश दीपक कुमार,लाला जी, प्रेमा की माँ सेजल भारती, पंडित जी छोटू कुमार, पंडिताइन तनु कुमारी





,डाकिया निशांत कुमार, रामदीन श्रवण कुमार,भिखारी आदित्य कुमार,मूंगफली वाली मधु कुमारी, बैलून वाला सन्नी कुमार, प्रकाश व्यवस्था नीरज कुमार, सेट डिजाइन शशि भूषण कुमार, मंच सामग्री रत्नेश कुमार,गीत संगीत दीपक कुमार,निशांत कुमार, प्रस्तुति प्रभारी अजित कुमार सरार्फ ,राहुल कुमार, भोला ,संजीत कुमार।


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