आओ आंदोलन करें।प्रसिद्ध यादव के साथ।

 अगर कोई नही सुने तेरी बातें तब आंदोलन करो 

रुके नही भ्रष्टाचार तब,हाथ पकड़ के तोड़ो

करे कोई व्यभिचार, तब  गर्दन को मरोड़ो

करे न जो जनहित के काम,तब कुर्सी से फेंको

बोले झूठ पर झूठ तब,जीभ पकड़ के खींचो

सो जाएं शासन तब,तख्ता पलट करो

तानाशाही बन जाये तब,तूफान खड़ा कर दो

लूट की जब छूट दे तब,पकड़ -पकड़ के कूटो

जो करे बर्बाद गरीबों के तब,उसको बर्बाद करो

रखो सीने फौलादी के,नही किसी से डरो।

डरे होते पूर्वज,तब नही मिलती आजादी

इस आजादी को किसी कीमत पर मत होने दो बर्बादी।

ज़मीर बेचकर, कभी नही कोई सौदा करो

भले ही कांटो पर चलना हो,फूलों की मत चाह करो

रहो खड़े सड़क पर भले ही,पिछले दरवाजे से मत आना

नाक काट गयी एकबार तब फिर क्यों पछताना

 सज्दा  मत करना कुर्सी के लिये किसी की

कुर्सी करेगी सज्दा

मान-सम्मान ,स्वाभिमान बेचकर

किसी के घर न जाना

रहो बुलन्द सदा खुद ही औरों को करते रहना

न झुक कर जीना है,न झुक कर मरना।

प्रसिद्ध यादव।



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