सूत्रधार परिवार ने गहरी संवेदना व्यक्त की। आज खगौल, दानापुर, और पटना के राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में एक गहरा शून्य छा गया है। हमारे बीच अब प्रोफेसर वसीमुल हक़, जिन्हें प्यार से लोग 'मुन्ना नेता' के नाम से जानते थे, नहीं रहे। उनका जाना सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिनकी आवाज़ वह बनकर उभरे थे। सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम व कार्यक्रम आयोजक प्रो प्रसिद्ध कुमार ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। प्रोफेसर वसीमुल हक़ का राजनीतिक सफर युवा कांग्रेस से शुरू हुआ था, जहां उन्होंने ज़मीनी स्तर पर काम करना सीखा। अपनी मेहनत, लगन और लोगों से सीधे जुड़ाव के कारण, वह जल्द ही पहचान बनाने में सफल रहे। हाल के दिनों में, वह लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में एक सक्रिय और प्रभावशाली नेता थे। उनका समर्पण अल्पसंख्यकों के हक़ और विकास के लिए हमेशा अटल रहा। विरासत का मजबूत आधार मुन्ना नेता जी की जड़ें बहुत गहरी और प्रतिष्ठित थीं। उनके पिता, डॉ. हफ़ीज़ुल हक़, खगौल, फुलवारी शरीफ, पुनपुन, दानापुर, बिहटा, मनेर, नौबतपुर और पटना ...
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