असमय दीपक बुझा दिया जालिमों ने। प्रसिद्ध यादव।

 


डुमराव प्रखंड के राजद छात्र के अध्यक्ष दीपक यादव को  गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हत्यारे पुलिस की पकड़ से बाहर है और जिस दल के लिए एक होनहार युवा अपनी जान गँवा दी, उसे सुधि लेने वाले राजद के वरिष्ठ नेताओं को फुर्सत नहीं है। हालांकि किसी नेता के  जाने न जाने से दीपक लौट कर नही आयेगा, लेकिन क्या राजनीति दल के नेताओं का यही शिष्टाचार रह गया है। मृतक के   परिवार को धांधस् तो दिला सकते हैं। दीपक की हत्या से पटना के  राजद नेता यदवेंदृ यादव की हत्या की एवम पटना जिला युवा के अध्यक्ष मेरे मित्र अनिरुध यादव की हत्या की याद ताजा हो गयी। बड़े नेता प्रतिद्वन्द्वि  घटिया से घटिया क्यों न हो मर जाए तब सब दल मिलकर अपूर्णीय क्षति बताते हैं, लेकिन दल के छोटे नेताओं की उपेक्षा घोर निंदनीय है। राजद के प्रदेश पदाधिकारी, नेता प्रतिपक्ष को खुलकर सामने आना चाहिए। अगर नेतृत्व ऐसा नहीं करता है तब मैं घोर निंदा करता हूँ। 

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