अपराधियों के बढ़ते साहस.प्रसिद्ध यादव
अपराधियों के मनोबल कितना बढ़ गया है, इसकी अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की धनबाद में एक जज को मॉर्निंग वॉक के समय ऑटो से कुचल दिया. हत्या ऐसी हुई की मानो सड़क दुर्घटना हो, लेकिन जब सिसिटीवी खंगाला गया तब हत्या की पुष्टि हुई. पुलिस पर अपराधियों का हमला आम बात है, गवाहों को धमकाना, मारना जग जाहिर है,लेकिन सरेआम जज की हत्या से सुप्रीम कोर्ट भी संज्ञान लिया. इस घटना से जस्टिस लोयला की घटना याद आ रही है. उप के फतेहपुर में भी एक जज की गाड़ी में ठोकर मार दी गई है. आखिर अपराधियों के मनोबल ऊंचा क्यों हुआ? इन्हें राजनीति संरक्षण प्राप्त होता है. ये राजनेताओं के लिए पैसा, पावर जुटाते हैं. अपराधियों की करिश्मा से अब सरकार बनती भी है और बिगड़ती भी है. दिन पर दिन संसद और विधान मंडल में दागियों और अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है और इससे कोई राजनीति दल अछूता नहीं है, क्योंकि ये जिताउ उम्मीदवार होते हैं. अपराधियों के बढ़ते मनोबल देश के लिए कोढ़ है. इसका मुकाबला केवल सरकार से नहीं हो सकती है, बल्कि सभी राजनीति दल और आमजन को मिलकर करना होगा. अपराधियों से मदद और इसकी महिमामंडित नहीं करना होगा, बल्कि उपेक्षा करना चाहिए. एक बात और है की उचित काम सराफत से करवाना चाहे तब उसे बारबार लोग टाहलाते हैं, लेकिन वही अपराधी एकबार बोल दे तब उस काम को होना तय है. अपराध न हो इसके लिए सभी के आचरण में सुधार की जरूरत है. अपराध केवल हत्या करना ही नहीं, बल्कि रिश्वतखोरी, जमाखोरी, कालाधन रखना आदि भी है.
प्रसिद्ध यादव.
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