जातीय जनगणना पर भाजपा की दोगली नीति।प्रसिद्ध यादव
जातीय जनगणना को कैसे टाल दिया जाये, यह भाजपा के नेताओं के बयान से स्पष्ट हो रहा है।एक पर एक थीसिस और प्रवचन सुना रहे हैं।जाति किसने बनाया? ब्रह्मा के मुंह से ब्राह्मण, भुजा से क्षत्रिय और पैर से सूद्र जो विनीत भाव से इन तीनों की सेवा करे। सूद्र को धन संग्रह करने का अधिकार नहीं है, इसे वेद नही पढ़ना है आदि मनु संहिता में वर्णित है, जिसे अम्बेडकर साहब ने जलाया था।अम्बेडकर साहब भी जाति तोड़ने की मांग करते थे, लेकिन सूद्र से दो हाथ जमीन अपवित्र हो जाता है। जितना अमानवीय क्रूरता जातीयता का दंश भारत के मूलनिवासी झेले हैं। शायद दुनिया में कोई नही झेला होगा? आज देश के संसाधनों पर कुंडली मार कर कौन बैठा है? सरकार के चारो स्तम्भ पर कौन कब्जा किये हुए है? सदियों से पूजा करवाने का आरक्षण ब्राह्मण छोड़कर कौन किये हुए है? जनगणना से डर है इस देश के धूर्त, बेईमानों को कहीं माल महाराज के मिर्जा खेले होली का रहस्योद्घाटन न हो जाये।भूमि सुधार की मांग लम्बे समय से हो रही है क्यों नही हो रही है ? क्या अंधों को नही सूझती की किसी को बड़े बड़े फार्म हाउस और किसी को मरने के बाद दो गज जमीन भी नसीब न हो।अमीर दास आयोग में कौन नेता एक जाति विशेष को फंडिंग और संरक्षण देने किसी से नही छुपा है।कैसे दलितों को भेंड़ बकरियों की तरह काट दिए गए वो बहिरूपीये आज आर्थिक , सामाजिक की गणना करने के लिए कह कर भरमा रहे हैं।भारत के मूलनिवासी अब जाग चुके हैं और अपना हक लेकर रहेंगे, चाहे इसके लिये जितना भी संघर्ष करना पड़े या कुर्बानी देना पड़े। भाजपा के दांत दिखाने के कुछ और खाने का कुछ है।
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