केंद्र की तानाशाही रवैया के खिलाफ भारत बंद! प्रसिद्ध यादव।

 

     




  देश के अन्नदाता 10 महीनों से सरकार के तीन कृषि बिल वापस लेने के लिए आंदोलनरत हैं, लेकिन तानाशाह सरकार कान में तेल डाल कर सोई हुई है।उद्योगपतियों की चाकरी करने के लिए सरकार पलकें बिछाई रहती है। विपक्षी दलों के अलावे लेफ्ट और छोटे दल भी इस बन्दी में शामिल होंगे। आंदोलनकारी किसानों ने 27 सितंबर के भारत बंद की पूरी तैयारी कर ली है। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर किसान धरने पर बैठेंगे। आंदोलन स्थल पर गांव से किसानों को नहीं बुलाया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान ही एनएच-24 और एनएच-9 को ट्रैफिक के लिए बंद कर देंगे। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव ने बताया कि आंदोलन स्थल पर काफी बड़ी संख्या में किसान पहले से ही मौजूद हैं। वे किसान ही यहां भारत बंद की योजना के तहत कार्य करेंगे। यूपी के जनपदों से किसान उस दिन यहां नहीं आएंगे। वे अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे।
भारत बंद : क्‍या-क्‍या खुला रहेगा, क्‍या बंद?
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक के लिए किया गया है। इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है। सरकार समय रहते इसपर सहानुभूति पूर्वक विचार करे अन्यथा यह  आंदोलन सरकार को कील ठोक देगी।
अध्यक्ष
ओबीसी महासभा, पटना।

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