शराबबंदी में शराब पीकर 5 मरे! जनप्रतिनिधियों की करतूत!प्रसिद्ध यादव
शराब के बढ़ावा देने वाले जनप्रतिनिधियों को सरेआम हो ठुकाई!तब भागे भूत जनसेवक बनने की, ऐसी दें दवाई!
मुजफ्फरपुर में पंचायत में वार्ड सदस्य की जीत की खुशी में भोज के साथ शराब की पार्टी हुई, नतीजा 5 लोगों की मौत हो गई। कहीं न कही शराब बंदी में प्रशासन की लचर व्यवस्था का ही दुष्परिणाम है। जो जनप्रतिनिधि शराब को बढ़ावा दे रहे हैं, उनकी सदस्यता खत्म कर देना चाहिए और जो शराब की तस्करी में या सेवन में जेल गए हैं, जिसके विरुद्ध मुकदमा चल रहा है, उसे चुनाव के शपथ पत्र में और प्रचार प्रसार में शराब की जिक्र होना चाहिए।ऐसे जनप्रतिनिधियों से कोई विकास का उम्मीद क्या कर सकता है? जनता को ही ऐसे दारूबाज प्रत्याशियों को सबक सिखाना चाहिए, सामुहिक बहिष्कार करना चाहिए और जो इसकी वकालत करे, उसे भी तिरस्कार करना चाहिए। शराबबंदी बिहार सरकार की जनकल्याणकारी और लोकप्रिय नीति है इसमें जनता, जनप्रतिनिधि, प्रशासन आदि के सहयोग से ही सफलता मिलेगी, लेकिन स्थिति यहां ठीक उल्टा है और नतीजा शराब पीने से मौत की लंबी लिस्ट बन गई है। अभी भी पंचायत चुनाव में हर रोज शराब की पार्टी चल रही है, लेकिन परवाह किसी को नही है, जब मौत की खबर सामने आती है तब मृतकों की संख्या बनकर रह जाती है।जिसके घर से कमाऊ आदमी चला जाता है, उसके परिवार पर क्या गुजरती है?ये सोचने समझने की फुर्सत किसी को नही है।
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