शिक्षा की ज्योति झोपड़ी में भी जलती है और यह महलों से भी ज्यादा रौनक होती है।प्रसिद्ध यादव।

     गोबिल्ला विद्याधारी सिविल्स 211, रैंक वाले को बधाई!

ये आंधप्रदेश के कड़पा जिला के नंदलूरु की रहने वाली यादव परिवार की गरीब लड़की हैं, जो सफल हुई। जहाँ हम ठहरे हुए हैं छोटा कस्बा करीब 20 हजार की आबादी वाला है, इनके पिता कुछ साल पहले गुजर गए थे, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी चेन्नई में जाकर तैयारी की और सफलता मिली।इसकी बधाई की तस्वीरेँ नंदलूरु में हर जगह लगी हुई है, लेकिन तेलगु में लिखे होने के कारण मैं नही समझ पाया।एक मुस्लिम से इसकी जानकारी ली तब बताया और पोस्टर को गूगल से हिन्दी में अनुवाद किया तब मालूम हुआ।यहां अबतक 7 लोग यह परीक्षा कंप्लीट किये। शिक्षा की ज्योती झोपड़ी में भी जल जाये तो महल से ज्यादा रौनक देती है।


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