पटना जिला परिषद अध्यक्ष भी हार गईं।प्रसिद्ध यादव

  

     
95 फ़ीसदी मुखिया कोपभवन में। अन्य पीट रहे हैं कपार!



निवर्तमान प्रतिनिधियों की दिल की धड़कन हुई तेज।
कई लोग मतगणना केंद्र के बाहर एम्बुलेंस की व्यवस्था कर रखें हैं।
   मलाई खाने का रस जनता नीचे से निकाल रही है।
जनता पाई पाई का हिसाब ले रही है।
नाक रगड़ने के बाद भी जनता बदला लेने से नही चूक रही।
इस बार पंचायत चुनाव में पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी सीट बचाना मुश्किल हो गया है। ज्यादातर पंचायत प्रतिनिधि चुनाव हार गए हैं। सोमवार को जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष अंजू देवी भी संपतचक से चुनाव हार गईं। इससे पहले 22 अक्टूबर को बिहटा प्रखंड से भी पूर्व अध्यक्ष ज्योति सोनी को हार का सामना करना पड़ा।

इतना ही नहीं पटना जिले में अब तक आठ प्रखंडों में पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है। इनमें 95 प्रतिशत मुखिया चुनाव हार चुके हैं। यही स्थिति पंचायत समिति, वार्ड सदस्य और जिला परिषद के चुनाव में भी हुआ है। ज्यादातर पंचायत प्रतिनिधि चुनाव हार चुके हैं। जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष अंजू देवी को कुल 5415 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी इंजीनियर कुमार स्तुति को 5543 मत मिले। इस प्रकार पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष अंजू देवी 128 मतों से हार गईं। अंजू देवी जिला परिषद का अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी थीं। वे पांच साल तक जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर रही थीं। कोरोना काल में समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण उन्हें जिला परिषद परामर्शी समिति का अध्यक्ष बना दिया गया था लेकिन पंचायत चुनाव की घोषणा होने के चार दिन पहले उन्हें पंचायती राज विभाग द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद जिला परिषद परामर्शी समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी उपाध्यक्ष ज्योति सोनी को दे दी गई थी। हालांकि ज्योति सोनी भी 3341 मतों से चुनाव हार चुकी हैं। इस प्रकार इस बार पंचायत चुनाव में दोनों जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष की हार हो चुकी है।


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