24 नवम्बर को सूत्रधार के नाट्योत्सव में दो नाटकों का हुआ मंचन- प्रसिद्ध यादव
सूत्रधार खगोल 42 वर्षों से विरासत नाट्योत्सव मना रहा है। इस बार पटना के कालिदास रंगालय में यह उत्सव हो रहा है। कार्यक्रम का आरम्भ अतिथियों के स्वागत और सम्मान से शुरू हुआ। सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम लेखक अवधेश प्रीत को अनिल कुमार डॉ ध्रुव कुमार को, मो सज्जाद दूरदर्शन के उद्घोषक सुमन कुमार को नीरज प्रमोद त्रिपाठी को , अस्तानन्द मिश्रा जी को
अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।कल दो नाटक प्रबोध जोशी लिखित और खगोल के अमन कुमार द्वारा निर्देशित नाटक " पागल " का मंचन हुआ।इसे एकजुट संस्था खगोल द्वारा सफल मंचन किया गया।नाटक में बेनामी कलाकारों की पीड़ा को दिखाया गया है।
दूसरा नाटक नरेन की मूल कहानी " ढकनिया पोखर " नाटक का निर्देशन अरुण कुमार सिंह पिंटू मंडल सांस्कृतिक संघ पूर्व मध्य रेल दानापुर की संस्था द्वारा सफल मंचन किया गया। इस नाटक में दिखाया गया कि कैसे भोले भाले लोगों को भटकाकर गलत रास्ते पर ले जाते हैं। भटकाने वाले नेता बन जाते हैं और भटकने वाले बेमौत मारे जाते हैं।चर्चित नाटककार , लेखक उदय कुमार और पिंटू मुख्य भूमिका में थे।सभी कलाकार दानापुर रेलवे में कार्यरत हैं। आज टैगोर के नाटक " अनाथ " सूत्रधार द्वारा नीरज के निर्देशन में नाटक के मंचन के बाद अतिथियों द्वारा कलालकारों को सम्मानित किया जायेगा, इसके बाद समापन होगा।
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