चुनावी फीवर- रुदाली से कुदाली की चलती -प्रसिद्ध यादव

    


 फुलवारी में चुनाव परिणाम आ गया।कई लोग वायरल बुखार की तरह चुनावी बुखार से तप रहे हैं।उनके प्रति मेरी हमदर्दी है अपने ब्लॉग से सांत्वना दे रहा हूँ।एक भाई गुस्से में पूछ दिया आपके सांत्वना से 20 लाख वापस आ जायेगा।नहीं।मैंने कहा माथा पटकने से वापस आने की संभावना है तब पटकिये। नवयुवक एक टीम बना रखा है जिस किसी को नामांकन में जितना जन चाहिए, ये लोग मामूली रेट करीब 1000 पर हेड में  मुहैया करवाते हैं।अब दानापुर प्रखंड में इनकी एक दिन में चार चार बुकिंग है।प्रत्याशी के नाम भूल जा रहे हैं। नामांकन किसी और का जयकारे किसी और के।प्रत्याशी बिदक गए सर्विसेज ठीक नहीं है, अब नामांकन पर्ची देखकर बोल रहे हैं। मैं बोला अब से पहले चरण से विज्ञापन निकाल दो, जैसे mp छत्तीसगढ़ में किसी के मृत्य पर रोने के लिये बुलाया जाता है।युवा ने पूछा इसे कौन नाम से पुकारते हैं लोग। रुदाली मेरा जवाब था।युवा बोले कोई मेरा भी इसी टाइप के नाम रख दीजिए। कुदाली कैसा रहेगा? युवा बोला शानदार, लेकिन इसका मतलब क्या होता है। कुदाल । जहां लगो खोद दो।अब ये कुदाली दानापुर में अपनी सेवा  ईमानदारी से दे रहे हैं, इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।  नेता जी वादा किये की   सभी को मुफ्त कम्बल देंगे। भेड़ें खुश। नाचने लगी। जब नाच हो चुकी तो भेड़ के बेटे ने पूछा- मम्मी! कम्बल बनाने के लिए नेताजी 'ऊन' कहां से लाएंगे। भेड़ तभी से सदमे में है लेकिन 'वोटर' नाच रहा है।

यही कुछ हो रहा है।

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