इत्र की खुशबू से कुबेरपति विराजमान हुए पीयूष जैन के घर- प्रसिद्ध यादव।
क्या इत्र की सुगंध है कि खुद कुबेरपति , लक्ष्मी सभी पीयूष जैन के मुरीद हो गये। नोट गिननेवाले 8 मशीन को लगाया गया तब जाकर सैंकड़ों करोड़ रुपये की गिनती हुई। न खाएंगे , न खाने देंगे फार्मूले का पालन करते हुए इतना रुपये जमा हो गया। देश में कुपोषण है, भुखमरी है, बेरोजगारी है और जैन के यहां धन का अंबार लगा हुआ था। देश में धन संग्रह के नये नये कारनामे से आम आदमी का दिमाग ठनक रहा है की कैसे लोग इतना पैसा बना रहे हैं। इनकी काबलियत कहें कि देश को चुना लगाने वाले टैक्स चोर। यही कारण है कि अब देश में नामी गिरामी डकैत पैदा नही हो रहे हैं। अब डकैत रईस हो गए,अब जंगलों में नही, फार्महाउस में रहते हैं, घोड़ों पर नही, मर्सिडीज गाड़ियों में घूमते हैं , किसी सदन या संसद के शोभा बढ़ाते हैं ।यूपी में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को टैक्स चोरी के आरोप में कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है. जीएसटी इंटेलिजेंस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. आरोपी को आगे की कार्रवाई के लिए कानपुर से अहमदाबाद ले जाने की संभावना है. अब तक की छापेमारी के दौरान उनके पास से 257 करोड़ कैश और जूलरी बरामद की गई है.
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के अफसरों के अनुसार, जैन को सीजीएसटी एक्ट की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है. एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान कारोबारी जैन के घर के अंदर तहखाना मिला और एक फ्लैट में 300 चाभियां मिलीं. इस बरामदगी पर DGGI की तरफ से अधिकृत जानकारी आनी बाकी है.
कानपुर के ज्यादातर पान मसाला मैन्युफैक्चर्स पीयूष जैन से ही पान मसाला कम्पाउंड खरीदती हैं. इस बीच, रविवार को कारोबारी के कन्नौज स्थित पुश्तैनी घर में भी छापेमारी की गई.
डीजीजीआई और आयकर विभाग की कार्रवाई
गुरुवार को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय यानी डीजीजीआई और आयकर विभाग की टीम ने कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर वाले घर पर छापा मारा था. इस दौरान अलमारियों में इतने पैसे मिले थे कि नोट गिनने की मशीनें बुलाई गईं. कुल आठ मशीनों के जरिए पैसे को गिना गया था.
जैन तक कैसे पहुंची एजेंसियां
दरअसल, अहमदाबाद की डीजीजीआई टीम ने एक ट्रक को पकड़ा था. इस ट्रक में जा रहे सामानों का बिल फर्जी कंपनियों के नाम पर बनाया गया था. सभी बिल 50 हजार रुपये से कम थे, ताकि Eway Bill न बनाना पड़े. इसके बाद डीजीजीआई ने कानपुर में ट्रांसपोर्टर के यहां छापेमारी की. यहां पर डीजीजीआई को करीब 200 फर्जी बिल मिले. यहीं से डीजीजीआई को पीयूष जैन और फर्जी बिलों का कुछ कनेक्शन पता लगा.
इसके बाद डीजीजीआई ने कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापेमारी की. जैन के घर जैसे ही अफसर पहुंचे और अलमारियों में नोटों के बंडल पड़े थे. इसके बाद आयकर विभाग को सूचना दी गई. तभी से इन एजेंसियों की इत्र कारोबारी पर कार्रवाई जारी है.
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