तुम मुझे खून दो, मैं तुझे आज़ादी दूंगा!
नेता जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन!
ऐसे वाक्य कहने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस धरती माँ के ऐसे सपूत थे, जिनपर हम गर्व करते हैं। आज के राजनेताओं के झूठे, जुमलेबाजी नीति से घृणा होने लगती है। सच्चे अर्थों में वे देश के लिए जिये और देश के लिये गुमनाम हो गए। स्वतंत्रता संग्राम के लंबे इतिहास में शायद ही ऐसा कोई शख्स रहा होगा जो नेताजी की तरह बहुमुखी और अप्रमेय प्रतिभा का धनी हो. विलक्षण छात्र, प्रशासनिक दक्षता से संपन्न, निडर फौजी, महान सेनानायक, कुशल राजनेता, स्टेट्समैन और गजब का कूटनीतिज्ञ. इतनी योग्यता एक अकेले इंसान के अंदर कैसे भरी हुई थी इसका जवाब सिर्फ विधाता दे सकता है.
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