शहरी निकाय के अध्यक्ष, मेयर की तरह पीएम सीएम का भी हो डाइरेक्ट चुनाव!/ प्रसिद्ध यादव।
बिहार में अब शहरी निकायों के मेयर, चैयरमैन का चुनाव वार्ड पार्षद नहीं करेंगे, बल्कि सीधे उस क्षेत्र की जनता करेगी। इससे पार्षदों के ख़रीद, फ़रोख़्त और धन बल का खत्म हो जायेगा। जो लोग किसी तरह पार्षदों को अपने पक्ष में कर के नगर निकायों पर वर्षों से अपनी कब्जा जमाये हुए थे, उनकी कब्जा ख़त्म होना तय है। ऐसे में जिसकी जहां जिसकी आबादी होगी, वही वहां का नगरपति होगा। क्या ऐसी व्यवस्था राज्यों के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के चुनाव में संभव नहीं है ? बिल्कुल सम्भव है। इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत पड़ सकती है। किसी राज्य में जो विधायक दल के नेता होते हैं, और जो बहुमत में होते हैं, वही उस राज्य के मुख्यमंत्री होते हैं, यही हाल प्रधानमंत्री के चुनाव में भी होते हैं। अब क्यों न इन दोनों पदों के चुनाव भी सीधे जनता के द्वारा कर दिया जाये। अमेरिका में जैसे राष्ट्रपति का चुनाव जनता के द्वारा होता है। रही बात बढ़ती उम्मीदवारों के संख्या की बृद्धि में तो इसमें भी कमी हो सकती है जैसे हमारे यहाँ राष्ट्रपति के चुनाव में प्रवधान है। जैसे पंचायतों , निकायों के एकल पद पर भी आरक्षण की व्यवस्था है, उसी तरह पीएम और सीएम के चुनाव में भी होना चाहिए। जो जहां के प्रधान होता है, वो अपना सरकार चलाते हैं फिर शीर्ष स्तर पर भेदभाव क्यों? ऐसा करने से एक बात तो तय है कि जिसकी ज्यादा आबादी होगी, उसकी उतनी सरकार बनेगी। जब बहुजनों की सरकार बनेगी तो अपने हक हकूक के समाधान खुद कर लेंगे , दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगे।
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