कुशीनगर में हृदयविदारक घटना !प्रसिद्ध यादव।

    



शादी व्याह के अवसर पर कोई दुखद घटना घटती है, तो पूरा माहौल गमगीन हो जाता है और रंग में भंग हो जाता है। आखिर ऐसी घटनाएं होती हैं  क्यों ? इसे होनी या नियति के खेल मानकर संतोष नही कर लेना चाहिए, बल्कि इनके  कारणों  को जानना और इससे बचने का उपाय करना चाहिए ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न घटे। खुशी के मौके पर हर्ष फायरिंग करना सीधे सीधे काल को आमंत्रण करना है।अगर किसी को लगता है कि उनके यहां हर्ष फायरिंग होने से शान शौकत बढ़ेगी तो ये उनकी नादानी से ज्यादा कुछ नहीं है। कभी कभी  शादी के रस्मों को देखने के लिए छत और रेलिंग पर चढ़ जाते हैं और घटना घट जाती है। कभी कभी भोज में खाना बनाने में  या बिजली के शार्ट सर्किट से आग लग जाती है और भारी नुकसान भी होता है।ऐसे ही कुशीनगर में रस्में निभाने के लिए कुआँ के स्लैब पर जरूरत से ज्यादा महिलाएं चढ़ गई, मंगल गीत गाने में ध्यान ही नही रही होगी कि वेलोग कुआँ पर हैं कि जमीन पर हैं, नतीजा, 23 महिलाएं कुआँ में गिर गई, जिसमे 10 किसी तरह  जिंदा निकाली गई, लेकिन 13 असमय काल कल्वित हों गयी। खुशी का माहौल पलभर में गमगीन हो गया।ऐसे में घर के सदस्यों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। भीड़ -भाड़ लगाने से बचना चाहिए। अगर भीड़ लगती है तो वहां से निकलने और बचने की आकस्मिक व्यवस्था होनी चाहिए।जो परम्परायें ,रीति -रिवाज प्राण घातक साबित हो, उसे त्याग करना चाहिए।

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