दशरथ मांझी संघर्ष से पहाड़ का सीना चीड़ दिये।।/प्रसिद्ध यादव।

     



हमारे संघर्ष के प्रेरणा स्रोत दशरथ मांझी को कौन नहीं जानता है। बहुत से पैसे वाले दुनिया को मुठी में करने वाले को संघर्ष एक सीख है। अगर आदमी संघर्ष पर उतर जाए तो पहाड़ का सीना भी चीड़ सकता है, लेकिन सच्चा लग्न, निष्ठा और चुनौती हो। जीवन में चुनौती न हो तो जीवन नीरस है। बड़ी बड़ी चुनौती हमें सीने में आग पैदा करती है, जो कभी सोया था। न किसी का भय न गम सिर्फ अर्जुन की तरह चिड़ियां की आंखें दिखाई दे, तब लक्ष्य बेधने में कोई देर नहीं होगी। माउंटेन मैन दशरथ मांझी ने आखिर किन परिस्थितियों में पहाड़ को काट कर रास्ता बनाने का फैसला किया।  उनके गांव में पानी का घोर अभाव था, पानी की कमी ने दशरथ मांझी को पहाड़ काट कर रास्ता बनाने के लिए प्रेरित किया। समय पर इलाज नहीं होने के  कारण पत्नी की असमय मौत ने उनके संकल्प को मजबूत किया और वह लग गए पहाड़ का सीना चीड़ने के अपने मिशन पर। 22 वर्षों की अथक मेहनत के बाद वह अपने मकसद में कामयाब रहे

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