दानापुर डिवीजन को अग्निपथ आंदोलन में 226 करोड़ का हुआ नुकसान ! प्रशासन से भी हुई चूक !प्रसिद्ध यादव।
दानापुर मण्डल जहां आरपीएफ कमांडेंट, जीआरपी ,खगौल थानां, आरपीएफ कैम्प दानापुर डीएसपी ,रेल प्रबंधक सभी 3 किमी के अंदर रहते हैं और दानापुर में फरक्का एक्सप्रेस सहित स्टेशन यार्ड, पड़ाव पर तक आगजनी की घटनाएं हो गई, रेल कर्मचारी किसी तरह जान बचाये एक गम्भीर मामला है और चिंतनीय भी। आखिर ये लोग समय रहते कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? राज्य की राजधानी 10 किमी के अंदर जहां से पूरे बिहार नियंत्रण होता है लेकिन दानापुर स्टेशन असहाय टुअर की तरह अपनी बर्बादी देखता रहा। यात्री बदहवास भागते रहे ,ट्रेन धधकती रही ।इतनी सुस्ती ,अकर्मण्यता का मतलब क्या निकाला जाये? सेना में चार साल की सेवा वाली अग्निपथ बहाली स्कीम के खिलाफ बिहार में बेरोजगार नौजवानों का आंदोलन जारी है। शुक्रवार को आंदोलन में उपद्रव का बोल-बाला रहा जिसमें कम से कम 14 ट्रेन को निशाना बनाया गया जिसमें 60 कोच जला दिए गए। सबसे बुरा हाल हुआ भागलपुर से नई दिल्ली के बीच चलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस का जिसके सारे 23 कोच को लखीसराय में जला दिया गया। दानापुर रेल मंडल में अकेले इस आंदोलन के दौरान अनुमानित तौर पर 226 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
दानापुर के मंडल रेल प्रबंधन यानी डीआरएम प्रभात कुमार ने मीडिया से कहा कि उनके स्टाफ ने बताया कि 1974 में जयप्रकाश नारायण (जेपी) के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान भी रेलवे को ऐसा नुकसान नहीं हुआ था। डीआरएम ने बताया कि 90 करोड़ रुपए के 50 कोच जलाए गए हैं जबकि 61 करोड़ रुपए के 7 रेल इंजन का नुकसान हुआ है। कॉमर्सियल विभाग को 70 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है जो पार्सल और माल ढुलाई काम करता है। बाकी नुकसान भी 5 करोड़ के करीब हैं।
डीआरएम ने कहा कि इनके अलावा 54 पैसेंजर ट्रेन और 41 एक्सप्रेस ट्रेन कैंसिल हुई हैं जिनके पैसेंजर रिफंड लेंगे, वो नुकसान अलग है। डीआरएम प्रभात कुमार ने कहा कि नुकसान ऐसा हुआ है कि सब कुछ सामान्य होने में समय लगेगा। डीआरएम ने शनिवार की बंदी के दौरान भी ट्रेन कैंसिल होने की आशंका जताई है। रेलवे प्रबंधक को एक एक पहलू पर जांच करने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना न घटे।
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