सरकार अग्निपथ वापस ले ! युवा हिंसा के राह छोड़ दें। पटना/प्रसिद्ध यादव।
आज बिहार में युवाओं द्वारा हिंसक आंदोलन, ट्रेनों में आगजनी,तोड़फोड़ कतई उचित नहीं है, बल्कि ऐसा करने वाले का जीवन बर्बाद हो जाएगा। दानापुर में स्टेशन पर तोड़फोड़, फरक्का एक्सप्रेस के बोगियों में आग ,लखीसराय में बिक्रमश एक्सप्रेस में,आरा में पटना आरा पैसेंजर में,फतुहा में राजगीर दानापुर पैसेंजर ट्रेन में आगजनी की घटना हुई। बिहार के उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के पैतृक आवास पर भी उपद्रव हुआ। बिहटा, सगुना दानापुर, सदिसोपुर में भी उपद्रव हुआ।सरकार की युवा विरोधी सेना की 4 साल की बहाली की नियम शीघ्र वापस लेनी चाहिए। जैसे कोई रात में नींद से सुबह उठता है और कुछ भी बोल देता है वैसी ही यह अग्निपथ है।युवा कई सालों से सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहे थे, भर्ती बन्द थी और जब शुरू भी हुई तो अल्प समय के लिए, जो कतई न्यायोचित नहीं है। युवाओं को भी हिंसक रुख छोड़कर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बातें रखनी चाहिए। राष्ट्रीय संपति हमारी संपत्ति है इसे किसी भी हालत में नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए बल्कि रक्षा करना चाहिए। इधर हाल ही में सरकार की अविवेकपूर्ण फैसले से सरकारी संपत्ति की काफी नुकसान हुआ हुआ है।सरकार कोई भी जन मुद्दे को व्यापक विचार विमर्श के बाद ही लागू करे।सरकार को बताना चाहिए कि क्या जो नीतियाँ अभी लागू कर रही है वो उसके चुनावी एजेंडे में थी।नहीं। अगर ये नीतियां चुनावी एजेंडे में होती तो सत्तारूढ़ दल को दहाई में भी सीटें नहीं आती।सत्तारूढ़ दल के जो चुनावी एजेंडे थे वो जुमले बनकर रह गए।अफसोस की ऐसे झूठे वादे पर न न्यायालय कोई संज्ञान लेते हैं न वादे करने वाले कि कोई नैतिकता बची हुई है। सरकार को अगर खर्चे में कटौती करना है तो अपने प्रचार प्रसार के लिए अरबों रुपये की विज्ञापन देना बंद क्यों नही करती?मंत्रियों, सांसदों,विधायकों,आयोगों पर भारी भरकम खर्चों में कटौती क्यों नही करती? देश की सुरक्षा और युवाओं के साथ खिलवाड़ कर के सरकार को क्या मिलेगी ?यह समझ से परे है।
Comments
Post a Comment