देश पोथी पतरा से नहीं, संविधान से चलता है! /प्रसिद्ध यादव।

  



कब मिलेगी मानसिक गुलामी से मुक्ति?


इक्कीसवीं सदी में भी हम जाति, धर्म के नाम पर मरने कटने को तैयार है, देश की संपदा बिकने की परवाह नहीं है तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकता है। विष्णु पद मंदिर गया में सूबे के सीएम व पर्यटन मंत्री चले गए।पर्यटन मंत्री मुस्लिम समुदाय से हैं, अब हिन्दू धर्म,सनातन धर्म कैसे अपवित्र हो गया ? मंदिर लिखा हुआ था कि अहिन्दू प्रवेश निषेध ।हमारे संविधान के अनुच्छेद 25 में लिखा है कि किसी भी धर्म के कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल पर जा सकता है।अब सवाल है कि क्या देश पोथी पतरा से चलेगा या संविधान से? नूपुर शर्मा के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यही मनुवादी लोग सुप्रीम कोठा कहकर न्यायपालिका को अपमानित किया था। देश में आज भी सनातन व हिन्दू धर्म के नाम पर मनुसंहिता लागू है और अब इसे विस्तार करने की योजना है। बहुजनों को कितनी इज्जत मिलती है ब्राह्मणवादियों से?ये सोचने समझने की जरूरत है।जिस परम्पराओं से मानवता आहत होता है, उसे तोड़ देना चाहिए।अगर अंग्रेजों ने सती प्रथा को उन्मूलन नही किया होता तो आज भी नारी जलाई जाती और कोई इसका विरोध करता तो हिन्दू ,सनातन धर्म खतरे में होती।यही हाल विधवा पुनर्विवाह का था।बेरोजगारी से,महंगाई से मानवता खतरे में है, यह कहते शर्म आ रही है लेकिन भोलेभाले लोगों को धार्मिक भावनाएं भड़का कर राजनीति की रोटी सेंकने में मजा आ रहा है।

पिछले साल करोनाकाल में संवैधानिक कानून का पालन करने वाले डीएम शैलेश यादव ने शादी कराने वाले एक ब्राह्मण पुरोहित को देर रात कानून का उल्लंघन करने पर, एक झापड़ जड़ दिया था, जो भारत में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आम बात होती है। उस समय भी ऐसा ही भूचाल आया था कि एक यादव ने ब्राह्मण को थप्पड़ जड़ दिया। उस समय भी ऐसा ही सोशल मीडिया पर पक्ष और विपक्ष में ट्रेन्ड चला था लेकिन सभी जानते हैं कि वह यादव डीएम के खिलाफ चला था। यही डीएम यदि ब्राह्मण होता तो सिंघम बन जाता या इसी यादव डीएम ने किसी काजी को थप्पड़ जड़ा होता तो लोकसभा या विधानसभा का उसका टिकट कन्फर्म हो जाता। अब देशभक्त, क्रांतिकारी आदि नाम से संगठन बनाकर युवाओं को कट्टर बनाने की साजिश है और अपने बच्चे को विदेशों में अच्छी शिक्षा लेने के लिए भेज दिया है। क्यों न उसे पोथी पतरा बाचने के लिए दे दिया, उसे मालूम है कि यह पढ़कर लोगों को सिर्फ ठगा जा सकता है, जज हाकिम,कलक्टर नही बन सकते और इसे सुनने वाला गुलाम बनेगा।

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