भारत में कितने अच्छे दिन ! /प्रसिद्ध यादव।
ये आंकड़े झूठ नही बोलते !
वर्तमान सरकार में विश्वगुरु बनने की राह में पहले प्रेस फ्रीडम इंडेक्स और ग्लोबल हंगर इंडेक्स में झंडे गाड़ने के बाद अब नई मिसाल कायम करते हुए नाइजीरिया को हरा कर दुनिया का गरीबी की राजधानी बन गया है। अब तक अफ्रीकी देश नाइजीरिया को दुनिया का गरीब माना जाता था जहां सबसे ज्यादा गरीबों की संख्या थी। वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक के नए आंकड़ों से पता चला है कि भारत ने नाइजीरिया को पीछे छोड़ दिया है।
नए आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब 2022 में संयुक्त राष्ट्र की अनुमानित गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 8.3 करोड़ लोग हैं।
नाइजीरिया में वर्तमान में देश की 33 प्रतिशत आबादी अत्यधिक गरीबी में रहती है।
दुनिया की गरीब जनता का सबसे ज्यादा हिस्सा, 12.2 फीसदी भाग भारत और 12.2 फीसदी नाइजीरिया में है।
लेकिन नाइजीरिया में 8,30,05,482 गरीबी रेखा के नीचे हैं जबकि भारत में यह संख्या 8,30,68,597 है।भारत सरकार ने वैश्विक भुखमरी सूचकांक यानी ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 की रैंकिग पर आपत्ति दर्ज कराई है. भारत सरकार ने कहा है कि यह चौंकाने वाला है कि इस लिस्ट में भारत की रैंक इतने नीचे है. इतना ही नहीं सरकार ने इंडेक्स बनाते समय इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली को अवैज्ञानिक करार दिया है. उधर, विपक्षी पार्टियों ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स की लिस्ट जारी की गई है. इसमें भारत की रैंक काफी चिंताजनक है. 116 देशों में से भारत का स्थान 101वां है. भारत उन 31 देशों में भी शामिल है जहां पर भुखमरी की समस्या काफी गंभीर मानी गई है. पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सूची में भारत का स्थान 94 था और पिछले साल 107 देशों की सूची जारी गई थी.
भारत अपने ज्यादातर पड़ोसी देशों से भी पीछे है. इस लिस्ट में पाकिस्तान की रैंक 92, नेपाल की रैंक 76 और बांग्लादेश की रैंक भी 76 है. भारत के पड़ोसी देश नेपाल (76), बांग्लादेश, म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) की भी स्थिति चिंताजनक बताई गई है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक नागरिकों को खाना मुहैया कराने के मामले में भारत से उनकी स्थिति बेहतर है
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत पिछले साल के 142वें स्थान से फिसलकर 150वें स्थान पर आ गया है। एक वैश्विक मीडिया निगरानीकर्ता द्वारा भारत में कितने अच्छे दिनजारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल को छोड़कर भारत के अन्य पड़ोसी देशों की रैंकिंग में भी गिरावट आई है, जिसमें पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें और म्यांमार 176वें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह रैंकिंग कुल 180 देशों की है।
महंगाई, बेरोजगारी, रुपये के अवमूल्यन को जोड़ दें तो कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि अच्छे दिनों के सपने दिखाकर और बुरे दिन आ गये।
Comments
Post a Comment