अतिक्रमित तालाबों पर कब बनेगा अमृत काल में अमृत सरोवर?प्रसिद्ध यादव।

  


  पुरखों की सोच कृतियों को आज लोग कैसे मिट्टी में मिला रहे हैं।कभी तालाबों ,जलाशयों से पटना सुंदर ,सुहावन लगता था लेकिन आज इन तालाबों पर गगनचुम्बी इमारतें अटखेलियां खेलती अटारियाँ सरकार को मुंह चिढ़ा रही है। तालाबों की प्रखंड फुलवारी शरीफ के कई तालाबों के नामोनिशान मिट गया।बेऊर इलाके में तीन बड़े बड़े तालाब थे,लेकिन आज इसकी पहचान खत्म हो गया।अधिकारियों के माने तो  नापी कराने वाले वरीय अधिकारियों के मुताबिक, अतिक्रमण करने वाले लोगों की सूची बनाकर अंचलाधिकारी को सौंपी गई है। अंचलाधिकारी द्वारा अतिक्रमणवाद चलाकर हटाने की कार्रवाई की जाएगी।  अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमणवाद चलाने के लिए जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी। तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोगों की सूची मिली है। सभी को नोटिस जाएगा। संतोषजनक जावाब नहीं मिलने पर आदेश पारित कर अतिक्रमण हटाया जाएगा। पटना शहर के 24 तालाबों पर कब्जा है। इसका रकबा 60 एकड़ से अधिक है। इसमें 18 एकड़ का गुणसागर तालाब था। वर्तमान में गुणसागर तालाब का नामोनिशान मिट चुका है।

सदर प्रखंड में 24, फुलवारी में 58, दानापुर में 35, पालीगंज में 29, मसौढ़ी में 27, बख्तियारपुर में 13, दनियावां में 17, बिहटा में 11, मनेर में 15, पंडारक में 24, मोकामा में 4, नौबतपुर में 18, धनरूआ में 14, फतुहा में 12, दुल्हिनबाजार में 9, पुनपुन में 5, खुसरूपुर में 9, अथमलगोला में 4, बाढ़ में 2, बेलछी में 2, घोसवरी में 4, संपतचक में 6 जलकर-तालाब शामिल हैं। इनपर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है।

जिला मत्स्य कार्यालय ने जिला प्रशासन को 342 तालाबों पर अतिक्रमण होने की सूची सौंपी है। इनमें सदर अंचल के 24 तालाब हैं।   छोटी पहाड़ी स्थित आलू गोदाम तालाब, खरमुनिया तालाब, रानीपुर सहित अन्य तालाब की नापी हुई। 

पटना के बड़े तालाबों की सूरत पूरी तरह बदलने वाली है। इन्‍हें अमृत सरोवर योजना के तहत विकसित किया जाएगा। पटना जिले में यूं तो तालाबों की संख्या 1,013 हैं, लेकिन सभी जलाशय अमृत सरोवर नहीं हो सकते। इसके लिए कम से कम एक एकड़ क्षेत्रफल होना अनिवार्य है। प्राथमिकता के आधार पर 75 जलाशय ही अमृत सरोवर बनाए जाएंगे।इसके साथ ही आहार, पाइन, गैर मजरुआ जमीनों पर दबंगों का कब्जा है।कौन ऐसा पंचायत होगा जहां 10 एकड़ से ऊपर जमीन गैर मजरुआ न होगा,लेकिन वे सभी जमीन भूमिहीन नही भूमाफियाओं के कब्जे में है।अब देखना है कि कब अमृत काल में अमृत सरोवर बनता है?


 

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