इश्क की आग में बुजुर्ग की हत्या ! (कहानी )- प्रसिद्ध यादव।
चार दीवाने इस शहर में घूमते हैं
दिन रात! नालंदा के अस्थावां छोटे शहर में चार रिटायर्ड बुजुर्ग चौक चौराहे पर गप्पे मारते दिख जाते। चारों में प्रगढ़ मित्रता थी। दुनियादारी से लेकर अंतरंग बातें करते और भरपूर मस्ती करते। एक दिन एक विधवा को चाय बेचते देखा। फिर क्या ,मानो चारो पर कामदेव सवार हो गये। चारो चाय पीने लगे ।एक बुजुर्ग ने कहा कि कितना सोंधा चाय है? दूसरे ने कहा कि जब चाय इतनी सोंधी है तो ये कितनी सोंधी होगी ? औरत मुसकुराते हुई बोली- आप लोग थोड़ा उम्र का खयाल रखिये। तीसरे बुजुर्ग ने कहा कि सोना को सोना कहने में क्या हर्ज है? औरत मंद मंद मुस्कुराने लगी।हर कोई तारीफ़ सुनकर खुश होता है।यहां तो यौवन की आग में घी डाल रहे थे। । ये चारो अपने प्रेम की कुंड में होम करना शुरू कर दिए। चारों बुजुर्ग चाय पीकर चल पड़े।रास्ते में चौथा बुजुर्ग ने कहा कि -उसकी कसक कैसी थी। पहला बुजुर्ग शिक्षक से रिटायर थे वो भी हिंदी से।अपने साहित्यिक भाषा में बोले कि - इसकी नस नस में अभी जवानी है।ये साक्षात अजन्ता एलोरा की मूर्ति लग रही थी।क्या कमर ,गर्दन,मदमस्त आंखें लगा डूब जाऊं, जुल्फें जुर्म ढा रही थी, बातें आशिकाना ,बहकी बहकी सी हर किसी को मदहोश करने वाली ,नाज नख़रे का क्या कहने ? बदन कांच की तरह कोई हल्का सा भी जोर लगा दे तो चूर चूर हो जाये।मास्टर साहब की बात सुनकर तीनों और तूफ़ान में हो गए। दूसरे दिन चारों चाय पीने फिर दुकान पर गये लेकिन सभी 5 -5 हजार रुपए चढ़ावा चढ़ाने के लिए ले गए, जैसे कोई इष्टदेव के लिए ले जाता है।एक साथ वो औरत 25 हजार रुपए पाकर उछल पड़ी ,लेकिन समस्या थी कि चारो को वो एडजस्ट कैसे करे।बुजुर्ग मित्रों ने बताया कि ये कोई समस्या नहीं है हमलोग साथ साथ सुख भोग लेंगे। औरत को भी कोई एतराज नहीं थी क्योंकि बुजुर्गों से खतरा कैसा। चारो बुजुर्ग और महिला के बीच 20 -20 मैच शुरू होने लगा। चारों तुरंत बोल्ड हो जाते। उन्हें बड़ी ग्लानि होती। ये बगल के कतरीसराय के यौवन सुख की दवा खाने लगे और देश दुनिया से चारों इसी में खोए रहते। एक दिन 5 वां बुजुर्ग उस दुकान पर गया और वो भी प्रेम जाल में फंस गए।अब एक अनार 5 बुजुर्ग बीमार वाली बात हो गई।चारों बुजुर्ग को ये 5 वां आशिक से जलने लगा और एक दिन उस महिला के सहयोग से चारों बुजुर्ग 5 वां की हत्या कर दिया। पाप छुपता नही है कुछ दिनों के बाद पुलिस इस कांड का उद्भेदन कर दी ।सभी जेल में अपने जीवन के अंतिम दिन गिन रहे हैं । आपने आप को किसी काम में व्यस्त रखिये और हो सके तो इतना थका दीजिये आपने आप को की आप मन में आराम का ख्याल आये ना की बुरी सोच का मेरे ख्याल से ये ही एक मात्र तरीका है और इस तरीके से आप उचाइयां भी छू सकते है ।
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