निर्दयी बेरहम सूदखोरों ने एक परिवार ही उजाड़ दिया !प्रसिद्ध यादव।
सूदखोर इतने निर्दयी ,आततायी हो गए हैं कि न इन्हें लोकलाज, कानून का भय है न कोई नैतिकता मानवता रह गया है। दुर्भाग्यपूर्ण ऐसे लोगों को समाज महिमामंडित ,गुणगान करते नहीं थकते हैं। शेक्सपियर के नाटक " द मर्चेंट ऑफ वेनिस " की साजिश का केंद्र है। एंटोनियो शीर्षक का व्यापारी था,, जिसे शाइलॉक से पैसे उधार लेने के लिए मजबूर किया जाता था । शाइलॉक आमतौर नैतिक रूप से गलत मानता था । जब एंटोनियो अपने ऋण पर चूक करता था , तो शाइलॉक प्रसिद्ध रूप से सहमत दंड की मांग करता था: एंटोनियो की छाती से मांसपेशियों की एक मापी गई मात्रा। यह रूपक वाक्यांश "मांस का एक पाउंड" का स्रोत है जिसका उपयोग अक्सर ऋण या व्यावसायिक लेनदेन की कीमत का वर्णन करने के लिए किया जाता है। शेक्सपियर का नाटक ऋण और ब्याज के उपयोग के प्रतिस्पर्धी विचारों के बीच सांस्कृतिक संघर्ष का एक ज्वलंत चित्र है
18वीं शताब्दी तक, सूदखोरी को अक्सर अपने आप में एक अपराध की तुलना में एक रूपक के रूप में माना जाता था, इसलिए जेरेमी बेंथम की सूदखोरी की रक्षा उतनी चौंकाने वाली नहीं थी जितनी दो शताब्दी पहले दिखाई देती थी।
बिहार के नवादा से सामूहिक आत्महत्या का हृदय को झकझोर देने वाली घटना है। आदर्श सोसायटी में एक ही परिवार के 6 लोगों ने जहर पी लिया और सभी की मौत हो गई। परिवार कर्ज में डूबा था और वसूली की प्रताड़ना से परेशान होकर जहर खा लिया। पुलिस ने इस मामले में तीन सूदखोरों को गिरफ्तार किया है। परिवार के मुखिया केदारनाथ गुप्ता सूदखोरों से हर रोज प्रताड़ित होते थे। वह मूलरूप से रजौली का रहने वाला था और अपने परिवार के साथ नवादा शहर के न्यू एरिया में किराये के मकान में रह रहा था। केदारनाथ गुप्ता नवादा के विजय बाजार में फल की दुकान चलाता था। उसी के सिलसिले में उसने कुछ लोगों से कर्ज लिया था जिसे वह चुका नहीं पाया। कर्जदाता केदारनाथ गुप्ता पर पैसा चुकाने का दबाव बना रहे थे। परिवार के अन्य सदस्यों को भी प्रताड़ित किया जा रहा था। इसी से तंग आकर पूरे परिवार ने सामूहिक रूप से आत्मघाती कदम उठाया। मरने वालों में केदारनाथ गुप्ता, उसकी पत्नी अनिता और तीन बच्चे शामिल हैं। इन्होंने अपने घर के बजाय वहां से दूर आदर्श सोसायटी इलाके में जाकर सुसाइड किया। दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ा। एक बेटी की हालत गंभीर है। कर्ज देने वाले लोग उन्हें परेशान कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है। ऐसे निर्दयी सूदखोरों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि दूसरा फिर कोई सूदखोर किसी अन्य को प्रताड़ित न करे।
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