महात्मा गाँधी की 76 वें शहादत दिवस पर “सूत्रधार” संस्था ने की श्रद्धांजलि सभा ! - प्रसिद्ध यादव।
नुक्कड़ नाटक "गांधी की चोरी " का हुआ प्रदर्शन
चर्चित नाट्य संस्था “सूत्रधार” खगौल ने दानापुर रेलवे स्टेशन बाहरी परिसर में त्याग, प्रेम, सहिष्णुता एवं भाईचारे का संदेश देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 76
वें शहादत दिवस मनाया गया। हे राम बापू को बिहारी जन का सलाम शीर्षक से आयोजित कार्यक्रम के आरंभ में बापू के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी | दूसरे चरण में सूत्रधार के निदेशक एवं रंगकर्मी नीरज कुमार के निर्देशन में गाँधी जी के जीवन पर आधारित नुक्कड़ नाटक "गांधी की चोरी" प्रस्तुत किया गया। नाटक में दिखाया गया कि लोग बापू को विचारों को आत्मसात न कर के इनके नाम को बेच रहे हैं। प्रतीकात्मक रूप से इनके लाठी , चश्मे को लोगों को चुराने में परहेज नहीं कर रहे हैं। गांधी जी द्वारा गया भजन " संत जना तो तेते कहिए ,पीड़ पराई जाने रे .. व रघुपति राघव राजा राम ..गीत दर्शकों के मन मोह लिया। । नाटक में शशि भूषण कुमार,सुधीर कुमार सिंह,टीपू पांडे, आर्यन कुमार,रत्नेश कुमार ने प्रभावशाली अभिनय किया।श्रद्धांजलि सभा में आए अतिथियों का स्वागत संस्था के महासचिव एवं वरिष्ठ रंगकर्मी,निर्देशक नवाब आलम ने करते हुए कहा कि गाँधी जी ने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए आगे बढ़ने को प्रेरित किया | विडंबना यह है कि कुछ शक्तियाँ उनके इन विचारों को मिटाने में लगी है | जात-धर्म के नाम पर विद्वेष फैलाकर गाँधीजी के सिद्धांतो पर प्रश्नचिन्ह खड़ाकर, तरह-तरह की झूठी अफवाह फैलाकर गाँधीजी की छवि धुमिल करने का प्रयास कर रही है | पर उनके विचार, सन्देश मानवता से परिपूर्ण है, वह हमेशा लोगों का मार्गदर्शन करते रहेंगे | श्रद्धांजलि सभा को दानापुर जीआरपी के सब इंस्पेक्टर नीतीश कुमार ने विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए गाँधी जी के आदर्शों को जीवन में अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया | गाँधीजी के विचारों पर चलकर ही हमारा देश आगे बढ़ सकता है | उन्होंने कहा कि गाँधी जी प्रेम, भाईचारा, एकता-अखंडता, समानता के पक्षधर थे | गाँधीजी के सिद्धांत एवं विचार भारत में ही नहीं पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक है | साहित्यकार और ब्लॉगर प्रसिद्ध यादव ने कहा कि मूर्तियों की उंचाई से गाँधी को मत मापिए, आकाश से ऊँचा गाँधी हमारे दिलों में आबाद हैं | गाँधी जी का प्रेम संदेश बहुत व्यापक है, जिसमें इंसान, पशु-पक्षी, पेड़-पहाड़ सहित पूरी प्रकृति समाहित है | वरिष्ठ पत्रकार सुधीर मधुकर ने कहा कि गाँधीजी ने जिस आजाद भारत देश का सपना देखा था, वह आज तक नहीं बन पाया है | हमें एकजुट होकर उनके विचारों पर काम करने की आवश्यकता है | समाज सेवी अखिलेश कुमार उर्फ मुन्ना ने कहा कि बापू के आदर्शों की हत्या हर रोज हो रही है | हमें आवश्यकता है उनके सोच और विचारों को पढ़-समझ कर अपने जीवन में उतारने की और उनके संदेशो को जन-जन तक पहुँचाने की | इस श्रद्धांजलि सभा को युवा साथी प्रिंस, मो सदीक आदि ने भी संबोधित किया | इस अवसर पर गायक कलाकार संतोष कुमार ने घायलावस्था में भी गीत के सुर से दर्शकों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया।
संतोष कुमार ने गाँधी को गायन के माध्यम से सांस्कृतिक श्रद्धांजलि दी | मौके पर शमशाद अनवर, रंजन कुमार, आस्तानन्द , राजेंद्र कुमार साह आदि मौजुद थे | कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन सत्यग्रह कर बापू के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की |





Comments
Post a Comment