यूपी के निर्दयी बुलडोजर राज !गरीबों की लाश पर विकास !- प्रसिद्ध यादव।
बुलडोजर राज को रामराज्य की संज्ञा दी गई है। माना कि विकास के लिए अतिक्रमण हटाना जरूरी हैं लेकिन गरीबों के लाश पर कैसा विकास है? किसी को फॉर्म हाउस चाहिये और किसी को दो गज जमीन भी मयस्सर न हो । ये कैसा रामराज है? उन मंदिरों को बनकर क्या होगा ? जहां पत्थरों की मूर्तियां के लिए करोड़ों अरबों लुटाए जा रहे हैं और जितेजगते क लिये आग की चिता सजा दी जाए। अयोध्या में जितने दीप जलाने में खर्च होते है, उतने में कितनी जिंदगियां आबाद हो सकती थी। अंधविश्वास का आलम यहाँ इतना है कियहां पत्थरों के आगे मानवीय मूल्य शून्य है।
कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में कब्जा हटाने राजस्व व पुलिस विभाग के अफसर पहुंचे तो कृष्ण गोपाल का पूरा परिवार गिड़गिड़ाते हुए बोला, साहब टाइम तो आप दे सकते हो, कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के सामने ही झोपड़ी के अंदर मां-बेटी जिंदा जल गई। हालांकि दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर झुलस गए।
मां-बेटी की मौत से आक्रोशित लोगों ने हंगामा करते हुए लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के लोग अपने वाहनों मौके पर छोड़कर भाग गए। इसके बाद आक्रोशितों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, लेखपाल व तहसीलदार व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग कर रहे हैं। गरीब लोग किसके भरोसे रहेंगे? क्या सरकार चंद अमीरों के लिए है। अगर ऐसा है तो गरीबों को गरीब विरोधी सरकार को पुरजोर विरोध करना चाहिए।
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