खगौल के तालाब - धर्मशाला पर कब्जा !प्रसिद्ध यादव।
दानापुर प्रखंड में 35 तालाब चिन्हित किया गया है, इसमें अधिकांश अतिक्रमित है या अपनी पहचान खो चुका है। खगौल की बात करें तो पेठिया बाजार का विशाल तालाब धीरे धीरे भरा जा रहा है, इसके बगल के दादा धर्मशाला आलू प्याज का गोदाम बना हुआ है,बनारसी दास गुप्ता का बोर्ड लगा हुआ है।बनारसी दास गुप्ता कौन थे?उनका खगौल के विकास में क्या योगदान था ?ये बताने वाले भी कोई नही है। इनके परमार्थ में दान में दिए गए संपदाओं पर भू माफिया का कब्जा जरूर है।बगल में ही राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय है, जहाँ माननीय सांसद रामकृपाल यादव अपने संसदीय कोष से 150000 रुपये के लागत से समसेबल और टंकी लगवाए हैं लेकिन तालाब की दुर्दशा और अतिक्रमित धर्मशाला किसी उद्धार करने वाले कि बाट जोह रहे हैं। जोड़ा तालाब, कच्ची तालाब ढूंढने से भी नही मिलेगा। बड़ी खगौल के पास धोबी घाट और बड़े बड़े तालाब बिल्डिंग अपार्टमेंट में बदल गई। गांधी विद्यालय की जमीन बिक गई, गांधी आश्रम निजी आश्रम बनकर रह गया है। बादल हाऊस बिकने की बारी है। जगतनारायण लाल कॉलेज चाहरदीवारी होने से बची हुई है। खगौल थाना से लेकर मोतिचौक सड़क के दोनों तरफ फुटपाथी दुकानों से चलना दूभर है। ताज्जुब है इतनी परेशानियों के बाद भी लोग मजे में है। विरासत खत्म हो रहा है, इसकी चिंता नहीं हो रही है। बिहार सरकार जल जीवन हरियाली योजना के तहत हर तालाब को अतिक्रमण मुक्त और जीर्णोद्धार करने की मुहिम चलाई है।अब खगौल में इसका श्री गणेश कब होगा ?
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