रामनवमी के अवसर पर हादसे !-प्रसिद्ध यादव।😢

      



मेला और भीड़भाड़ वाले जगहों पर हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है। बुजुर्ग महिला व बच्चों को हमेशा भीड़भाड़ वाले जगह से अलग रहना चाहिए। आस्था के नाम पर जान जोखिम में डालना नहीं चाहिए। कोई भी भीड़भाड़ वाले जगह या मेले की पूर्ण सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता है। हादसे का स्वरूप क्या हो सकता है ?ये कोई नहीं बता सकता है लेकिन प्रबंधन और प्रशासन को हर दृष्टिकोण से एहतियात बरतने की जरूरत है। उत्साह में ,शोरगुल में लोग कुछ समझ नहीं पाते हैं और जबतक समझ पाते हैं तब तक बहुत देर हो जाती है। युवा लोग भाग कर जान बचा लेते हैं लेकिन बच्चे, महिला, बुजुर्ग नही भाग पाते हैं।नतीजा, समय मौत के मुंह में चले जाते हैं। ऐसे ही रामनवमी में देश के अंदर दो घटनाएं हुई पहली  इंदौर में रामनवमी पर एक बड़ा हादसा हो गया। स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हवन के बाद कन्या पूजन चल रहा था। इस दौरान बावड़ी की छत धंस गई और वहां मौजूद 50 से अधिक लोग उसमें गिर गए। हादसे में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। 11 लोगों के शव बावड़ी से निकाले गए, वहीं तीन लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ा है। 

     दूसरी घटना   आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में स्थित वेणुगोपाला स्वामी मंदिर में राम नवमी के उत्सव के दौरान आग लग गई. मंदिर में राम नवमी के उत्सव के लिए पंडाल लगाया गया था. इस दौरान वहां शॉर्ट सर्किट के चलते इस पंडाल में आग लग गई. देखते ही देखते आग की लपटों ने पंडाल को घेरे में ले लिया. किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.

आग लगते ही श्रद्धालुओं को पंडाल से बाहर निकाल लिया गया, जिसके चलते बड़ा हादसा होने से बच गया। घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है।


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