चोर को चोर कहने पर राहुल आवास से बेदखल और कसाई को मिल गई रिहाई !-प्रसिद्ध यादव।

  


देश में एक साथ विचित्र घटनाएं हो रही है। राहुल गांधी को चोर को चोर कहना महंगा पड़ गया। इनकी लोकसभा की सदस्यता चली गई और आवास से बेदखल हो गए। सतपाल मलिक को पुलवामा में सैनिकों की शहादत पर केंद्र सरकार को दोषी ठहराए जाने पर इनके पीछे  सीबीआई, ईडी लग गई। दूसरी तरफ गुजरात दंगे के आरोपी हत्यारे को जेल से मुक्त कर दिया गया।यह है मोदी के सबके साथ, सबके विकास का ढकोसला! ऐसे कट्टरपंथी ,चरमपंथी से देश को रसातल में जाने में देर नहीं लगेगी। 

दरअसल, राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चार साल से सूरत कोर्ट में चल रहा था. 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक की चुनावी रैली में विवादित बयान दिया था. रैली कर्नाटक के कोलार में थी और उन्होंने मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी. गुजरात के बीजेपी नेता और विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के बयान के खिलाफ केस कर दिया था. केस मानहानि का था और सूरत की कोर्ट में किया गया था. जिसको लेकर अब कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने ट्वीट करते हुए राहुल गांधी का समर्थन किया. उन्होंने लिखा, "राहुल गांधी की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है. 'चोर को चोर कहना' हमारे देश में अपराध हो गया है. चोर-लुटेरे अभी भी आजाद हैं और राहुल गांधी को सजा मिल गई है. यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है. सभी सरकारी तंत्र दबाव में हैं. यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है. अब लड़ाई को उचित दिशा देनी होगी."


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