मोर पिया मुर्गा , मोर , तितिर लड़ावे !( कहानी )- प्रसिद्ध यादव।

  


" काम तो  वे 18 -18 घण्टे करते हैं, फैशन में कोई जोर नहीं है, मायावी भी हैं कालनेमी की तरह, लेकिन मेरे लिए कोई काम के नहीं हैं!" इतना कहते- कहते राधिका फफक -फफक के रोने लगी।रुक्मिणी समझाते  हुए कहती है कि " बहन तू प्यार की मीठी बोल से अपनी जुल्फों में कैद कर, तू अपनी आंखों की नूर बनाओ । फिर देखना कैसे वो तेरे चरणों के दास बनते हैं!" राधिका " सब कर के हार थक गई ,लेकिन वो मुझसे आंखें मिलाने से डरते हैं।" रुक्मिणी "वो क्यों?"बात उस समय की है जब मैं नई नवेली थी ।एक दिन रात वो  धोखे से मेरे सारे गहने लेकर घर से भाग गए थे। बहुत खोजबीन की लेकिन कोई अतापता नहीं चला।मैं उसी दिन से सर पटक रही हूं।मेरा धन और जवानी दोनों बर्बाद कर दिया।" रुक्मिणी " इसके बाद फिर पति का पता कब चला ?"  मुझे छोड़कर सभी को मेरे पति को पता है, वो मुझे सिर्फ दिल से ही नही निकाला  बल्कि कागजात से भी निकाल दिया।कहीं भी सरकारी काम काज में कुंवारा लिखने लगा छलिया !" रुक्मिणी  - " वो पढ़ा लिखा है कि नहीं ?" खाक पढ़ेगा ,जो भीख मांगकर खाते पीते रहा ,वो क्या पढ़ेगा ?"  " हाय! तभी तो कहूँ की इतनी सनक कहाँ से आई ?"राधिका बोली -" अब उसके बारे में एक शब्द खिलाफ बोलना, जान को जोखिम उठाने का काम है। अभी एक आदमी उनके पढ़ाई की डिग्री मांग ली ।मांगने वाला सड़क पर आ गया !"  रुक्मिणी  -"  राधिका !अभी तेरे पति क्या कर रहे हैं? राधिका -" अभी वो मुर्गा ,मोर ,तितिर उड़ा रहे हैं, लड़ा रहे हैं, कभी - कभी बाघ के शिकार पर जाते हैं !" रुक्मिणी -" बहन  अगर आज तेरे साथ होते तो मुर्गा,मोर, तितिर उड़ाने की जरूरत नहीं पड़ती,बल्कि बच्चों को गोद में खेलाते होते।"! सखी कभी वो आपसे मन की बात किये की नहीं ?" राधिका एकाएक शांत हो गई और कुछ देर बाद बोली -" मुझे छोड़कर सब लोग उनके मन की बात सुनते हैं!" रुक्मिणी -"उस मन की बात को तुम क्यों नहीं सुनती ? हो सकता है कि उससे तेरे जीवन में बदलाव आ जाये।" राधिका -" अब क्या बदलाव आएगा बहन! जो सुन रहा है उससे  जाकर पूछो कितना बदलाव आया है? अब ज्यादा मुझसे कुछ मत कहवाओ नहीं तो मुझे भी लेने के देने पड़ जाएंगे। अभी जो कोई भी इनके खिलाफ मुँह खोला वो चैन से नहीं है।ये तो तुम हो कि मेरी मुँह में उंगली डालकर उगलवा दी,नहीं तो हम भी लोगों की तरह चुपचाप तमाशबीन बनी हुई हूँ।!" रुक्मिणी -" बहन ये बात यही तक रहेगी ,आगे किसी को न बताऊंगी।"

Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

यूपीएससी में डायरेक्ट लेटरल एंट्री से बहाली !आरक्षण खत्म ! अब कौन धर्म खतरे में है !