जिसे अपराधबोध नहीं हो, उससे दूर रहना चाहिए। -प्रसिद्ध यादव।
एक मनोवैज्ञानिक विश्लेषण!
अपराध किसी से भी हो सकता है लेकिन इस बोध को कोई स्वीकार कर ले तो वो अपराध क्षम्य है। अगर किसी को अपराध करने पर इसका बोध नहीं हो तो वैसे लोगों से सदैव दूर रहें क्योंकि उससे किसी तरह की खतरा हो सकता है। अपराधी के अपराध उसके चेहरे पर चीख चीख कर कहता है और ये है उसके लक्षण -
इमोशन (शर्म) - शर्म एक कष्टमय, सामाजिक भावना है जो आदर्श सामाजिक मानक के साथ स्वयं की स्थिति की तुलना के संदर्भ में हो सकती है।
एंग्जाइटी -एंग्जायटी यानी चिंता इंसान को मानसिक और शारीरिक रूप से झकझोर कर रख देती है। इसमें व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो जाता है और घबराहट महसूस होती है।
तिरस्कार (humiliation) - अपमान अभिमान का अपमान है , जो वैराग्य पैदा करता है या दीन होने या नीचता या अधीनता की स्थिति की ओर ले जाता है । यह एक ऐसे व्यक्ति द्वारा अनुभव की जाने वाली भावना है जिसकी सामाजिक स्थिति , या तो बलपूर्वक या स्वेच्छा से, बस कम हो गई है।
कुंठा (frustration) - कुंठा (Frustration) से ग्रस्त किसी भी उम्र में, कोइ्र भी व्यक्ति हो सकता है। कुंठित रहने से ही अवसाद की स्थिति उत्पन्न होती है। कुंठा हर उम्र के लोगों में होती है।
स्ट्रेस - तनाव ( stress meaning in hindi ) छोटी मात्रा में हमेशा बुरा नहीं होता है। यह आपको दबाव में प्रदर्शन करने में आपकी मदद कर सकता है और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ करने के लिए प्रेरित कर सकता है। लेकिन जब आप लगातार आपातकालीन मोड में चल रहे हैं, तो आपका मन और शरीर मूल्य का भुगतान करते हैं। यदि आप अक्सर अपने आप को भद्दा और भद्दे लगने लगते हैं, तो आपके तंत्रिका तंत्र को संतुलन में लाने के लिए कार्रवाई करने का समय है।
डिप्रेशन - आप कभी कभी अपने आप को दुखी पाते हैं, या लो महसूस करते हैं, या कई बार आप अपनी दैनिक गतिविधियों में कोई रूचि नहीं दिखाते, ये सब हमारे लिए काफी परिचित लक्षण होते हैं और किसी-किसी कारण से ऐसा होना काफी हद तक स्वाभाविक होता है। परन्तु जब ये लक्षण (Depression Symptoms in Hindi) स्थायी हो जाते हैं और हमारे जीवन को बुरे से प्रभावित करते हैं, तब उस स्थिति को डिप्रेशन या अवसाद (Depression Meaning in Hindi) कहते हैं।
याद रखें !यदि कभी भी अपराधबोध हो, उसे स्वीकार करें।सभी मानसिक विकारों से मुक्ति मिल सकती है।
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