दिवंगत नीरज मुखिया के पत्नी को न सहानुभूति मिला न भाजपा के सम्राट चौधरी का साथ !-प्रसिद्ध यादव।

    


  फुलवारी शरीफ के पंचायत संख्या 2 में विगत वर्ष नीरज मुखिया के हत्या के बाद उप चुनाव 25 मई को हुआ ।  दिवंगत मुखिया के लोगों को लगा कि सहानुभूति मिलेगी और 2000 से अधिक मत मिले लेकिन जीतने के लिए नाकाफी था । उज्ज्वल की माँ को 2800 से अधिक मत प्राप्त हुआ। इस चुनाव में दिवंगत के बड़े भाई की तस्वीर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर सम्राट चौधरी को गुलदस्ता देते वायरल हो गया। यह तस्वीर तकदीर पर ग्रहण लगा दिया। राजद माले के मतदाता को लगा कि इसे वोट देने का मतलब है कि अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना है, जबकि प्रतिद्वंद्वी अनंत सिंह के साथ पकड़कर राजद के समर्थक होने का सबूत दे दिया। भाजपा के समर्थन करने वाले भूमिहार जाति से भी गये और राजद माले समर्थक से भी। नीरज मुखिया बनने के बाद जदयू के साथ रहने लगे जो भाजपा के गठबंधन था। जबकि जीत हुई थी राजद माले के समर्थन से। गठबंधन के लोग ठगे महसूस करने लगे। विधानसभा चुनाव में ही माले उम्मीदवार गोपाल रविदास के लिए मुझसे नोकझोंक हो गया था, लेकिन छोटा भाई समझकर गीले शिकवे भूलकर  आशीर्वाद देते रहा था।हत्या के बाद सबसे अधिक विरोध मैं किया था लेकिन आराध्यदेव सम्राट ही निकले।यही हाल अभी क्षेत्र के सभी कोइरी ,कुशवाहा का है।यादव ,दलित शांत है।परिणाम सामने है।नीरज की हत्या का विरोध सबसे अधिक राजद माले ने ही किया था लेकिन भाजपा की यारी  नहीं छूटी। नतीजा, 876 वोट से रामपुर फरीदपुर पंचायत के उप चुनाव में उज्ज्वल शर्मा की माँ  मुखीया पद पर विजय प्राप्त की।दिवंगत नीरज मुखिया की पत्नी को न सहानुभूति काम आया न सम्राट चौधरी का आशीर्वाद।मेरा पूर्वानुमान सच साबित हुआ। जब जमीन को छोड़कर आसमान पकड़ ले तो क्या हो सकता है। हालांकि इससे पूर्व पड़ोसीमेरे  पंचायत में महेश शर्मा की हत्या हो गई थी, उस वक्त इनकी पत्नी अमरावती को लोगों ने भारी मतों से विजयी बनाया था। फुलवारी में हिंसा की राजनीति का इतिहास रहा है लेकिन अब रुकना चाहिए। जीते हुए प्रत्याशी सबके साथ लेकर चलें ,बुद्ध की शांति ,अहिंसा के मार्ग पर चलें और विकास की लकीरें नीरज की तरह खींचे।

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