केवल आंखों से देखो महसूस करो। (कविता ) -प्रसिद्ध यादव।
केवल आंखों से देखो
महसूस करो।
ज़ुबान पर लगा के ताले
दिल को तसल्ली दो
सब ठीक हो जायेगा
छोड़ दो ऊपर वाले के हवाले।
यहाँ चेहरे पर चेहरा है।
पहचान बड़ी मुश्किल है।
केवल आंखें बंद कर के
विश्वास करो न्याय के देवता पर
मुंह में मिश्री घोल के
मीठी-मीठी बातें करो
सब के दिल में बस जाओगे
सब करेंगे जयकारा
उत्तम हो जाएगा चरित्र
सब देंगे दुआएं
उम्र होगी लम्बी
न कमी होगी धन-धान्य की।
अगर गलती से
मुंह खोले,गये तीनों लोकों से
अपने क्या पराये
सब नज़रों पर लेंगे चढ़ाएं
क्या मिलेगा?
अपमान,घृणा,क्लेश
बोलो सबकी जय!
हत्यारा,दुष्कर्मी
चोर,चुहार की
करो चाकरी।
धन-बल सब बना रहेगा
भांड में जाये दुनियादारी।
केवल आंखों से देखो
महसूस करो।
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