नेताजी सुभाषचंद्र बोस के खगौल में 27 अगस्त के पदार्पण व शंखनाद के स्मरणोत्सव की प्रथम बैठक हुई।-प्रसिद्ध यादव।
खगौलवासियों से विशेष सहयोग की अपेक्षा!दूसरी बैठक 23 अगस्त को शाम 4 बजे राधेकृष्ण मैरिज हॉल निम्तल्ला रोड खगौल में। आपलोगों की उपस्थिति ही कार्यक्रम की मजबूती होगी।
आज 27अगस्त के नेताजी सुभाषचंद्र बोस के खगौल में पदार्पण व शंखनाद की तैयारी के लिए प्रथम बैठक हुई,जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध यादव ने किया। इस बैठक में वरिष्ठ पत्रकार सुधीर मधुकर ,रंगकर्मी नवाब आलम , परशुराम गुप्ता ,देवेंद्र प्रसाद ,समजवेवी चंदू प्रिंस ,आदम परवेज ,मो शोएब कुरैशी ,राजकिशोर गुप्ता सहित अनेक गण्यमान्य लोग उपस्थित हुए व अपने विचार दिए।सभा की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध यादव ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस खगौल कच्ची तालाब की पावन भूमि से सोये हुए वतन के लोगों को जगाने का काम किया था। क्या इस तिथि को स्मरणोत्सव के रूप में मनाना हमारा धर्म नहीं है? स्वराज्य का मतलब लोगों को समझाया था।आमजन की सहभागिता की सरकार , अपने विकास की नीति अपने हाथ हो। क्या आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सपनों का भारत है? पत्रकार सुधीर मधुकर ने कहा कि यह एक गंभीर बात है और खोज का बिषय है।बोस के स्मृति में यहां निर्माण किया जाना चाहिए। रंगकर्मी नवाब आलम ने बताया कि यह मुद्दा सराहनीय है और खगौल स्वतंत्रता सेनानियों की भूमि रही है।इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मानव बल पर जोर देना चाहिए।हमारे पास सोच है लेकिन साधन नहीं है।खगौल में पुस्तकालय, प्रेक्षागृह की जरूरत है।परशुराम गुप्ता के बताया कि जनप्रतिनिधि हमारी समस्याओं पर ध्यान दें। नेताजी की स्मरण दिवस हर हाल में मनाया जाना चाहिए।आदम परवेज़ ने बताया कि खगोलीय में 50 हजार से अधिक की आबादी है।यहां जलजमाव की समस्या है।रंजीत सिन्हा ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की स्मरणीय तिथि मनाने के लिए हर सम्भव मदद की भरोसा दिलाया।समाजसेवी चंदू प्रिंस पूरे जोश के साथ इस कार्यक्रम को मनाने की सलाह दी।इसके अलावा देवेन्द्र कुमार उर्फ घुटुक ,रंगकर्मी शोएब कुरैशी ,राजकिशोर गुप्ता ने भी अपने विचार दिया।अगली बैठक 23 अगस्त को इसी स्थान पर इसी समय पर होगी।अगली बैठक में और लोगों की आने की अपील की गई है।


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