बिहार में साइबर पेट्रोलिंग सख़्त ! नफरती, उन्मादी की खैर नहीं।

   


अगर व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के उन्मादी ,नफरती पोस्ट को सोशल मीडिया पर पोस्ट किये, फारवर्ड किये तो अब खैर नहीं है।ये बहाना नहीं चलेगा कि हमें किसी ने फारवर्ड किया और हम फारवर्ड कर दिया। ऐसा करने वाले की जिम्मेवारी होगी।कौन किसे फारवर्ड किया,चैट किया,सारे रिकॉर्ड साइबर पेट्रोलिंग के पास साक्ष्य के रूप में मौजूद रहते हैं।भूलकर भी किसी को कोई आपत्तिजनक शब्द न लिखें,न कहें नहीं तो लेनी की देनी पड़ जाएगी। किसी के मान हानि भी न करें।  फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके हिंसा और उन्माद फैलाने वालों पर आर्थिक अपराधा इकाई (ईओयू) की टीम कड़ी नजर रख रही है। सोशल मीडिया उन्मादियों पर नजर रखने के लिए साइबर पेट्रोलिंग की जा रही है। ईओयू पदाधिकारी तकनीकी टूल्स और एप के माध्यम से राज्य के सभी जिलों की सोशल मीडिया गतिविधियों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। मॉनीटरिंग के माध्यम से वह विभिन्न जिलों में पोस्ट और शेयर की जा रही सामाग्रियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।अगर किसी जिले में भड़काऊ या आपत्तिजनक पोस्ट संख्या अचानक बढ़ने लगती है तो तुरंत उस जिले के एसपी को अलर्ट कर दिया जाता है। ईओयू द्वारा अलर्ट जारी होने के तुरंत बाद जिला प्रशासन द्वारा निरोधक कार्रवाई की जाती है। अगर भड़काऊ, किसी के मानहानि जैसे पोस्ट करने के आदि हैं तो यह आदत तुरंत छोड़ दें।


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