नेताजी भारतीयों के सोए हुए विश्वास को जगा दिया था।

    क्या इनके विचारों को सुनने के बाद  हमारा कॉन्फिडेंस नहीं जागेगा ?

नेताजी सुभाषचंद्र बोस  इंडियन सिविल सर्विसेज में चयन होने के बाद नेताजी अपना जीवन सुख से व्यतीत कर सकते थे।


उन्होंने अंग्रेजों का सेवक बनना स्वीकार न करते हुए अपने भाई से कहा कि राष्ट्र का निर्माण त्याग और कठिनाई से सींची गई मिट्टी से ही हो सकता है। उन्होंने सिविल सर्विसेज से त्यागपत्र दे दिया और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में जुड़ गए। अंग्रेजों के क्रूर शासन में नेताजी अपने निडर देशभक्ति के माध्यम से भारतीयों के सोए हुए विश्वास को जगा


दिया। विलक्षण प्रतिभा के धनी नेताजी ने युवाओं में क्रांति के लिए ज्वाला जगाई और निर्भीक होकर अंग्रेजो के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित किया।

Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

अलविदा! एक जन-नेता का सफर हुआ पूरा: प्रोफेसर वसीमुल हक़ 'मुन्ना नेता' नहीं रहे !