डेंगू पीड़ितों के दूत !मिश्र रंजीत!- प्रसिद्ध यादव।
खगौल नगर परिषद को ऐसे कर्मयोगी को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहिए।
बिहार में डेंगू का प्रकोप बढ़ा हुआ है, कुछ कल्वित भी हुए ।ऐसे में कोई निस्वार्थ भाव, निशुल्क पीड़ितों को घर पर बकरी के दूध पहुंचा दे।ये कोई मामूली बात नहीं है।ये कोई कर्मयोगी दूत ही कर सकता है।मिश्रा जी दूसरे विचारधारा के हैं इसलिए हम दोनों में कभी पटती नहीं है, नोकझोंक होते रहते हैं लेकिन हम दोनों में एक समानता है कि हम दोनों भ्रष्टाचार के प्रबल शत्रु हैं।मिश्र जी की ये नेक काम मीडिया जगत के लिए खबरें नही हो सकती हैं लेकिन मेरे लिए यह खबरों की जान है। मिश्र जी को सरकार सम्मानित करे या न करे लेकिन खगौलवासियों को जरूर करना चाहिए ताकि ऐसे आमजन के संकट में काम करने वाले को हौसला अफजाई हो। बकरी की दूध डेंगू पीड़ित के लिए काफी फायदेमंद होता है।यह शरीर में प्लेटलेट्स को गिरने से रोकता है जो बहुत जरूरी है।यह दूध काफी महंगी मिलती है और ये सुदूर गांवों से रुपये खर्च कर संग्रह करते हैं।क्या इस पुण्य कार्य के लिए कोई डोनर ,स्पॉन्सर नहीं है?कम से कम कुछ दिनों के लिए ही खर्च के जिम्मा उठा लें। आज फजूल के कामों में अनेक चेहरे चमकने लगता है लेकिन जरूरतमंद लोगों के लिए हाथ खड़े नहीं होता है।मिश्र जी निरन्तर इस काम में लगे हुए हैं।आज दूध लेकर जाते समय मेरे घर के पास सड़क पर मुलाकात हो गई।मै इनके दूध देखना चाहा तो गाड़ी की डिक्की खोलकर 4-5बोतल बकरी की दूध दिखाया।मैंने बोला-आज मजिस्ट्रेट चेकिंग में आपको सर्च किया और आप खड़े उतरे।यह जोक में कहा।मुझे कभी इनकी नियत और नीति पर शक नहीं किया। मिश्र जी फायर ब्रिगेड हैं।रेलवे ने इनकी सुधा का एक स्टॉल क्या तोड़ा इन्हें बागी मिश्रा बना दिया, इनके सीने में आग की चिंगारी लगा दिया, कुछ बचाखुचा था वो मेरे संगति में घी में आग लगा दिया। अब तक लाखों करोड़ों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ ।खगौल नगर परिषद को ऐसे कर्मयोगी को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहिए।
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