गज़ब तेरे तेवर ,गज़ब है नाजो - नख़रे ! - प्रसिद्ध यादव।
गज़ब बेवफाई, गज़ब बेहयाई !
तू किस मिट्टी का बना है ?
तुझे कौन है बनाई ?
इस ठंढ़ में भी छीन ली रजाई !
तू कभी इधर,कभी उधर
नैन मटकाना छोड़ दे ।
जब तक है जोश
चक्कलस उड़ा ले
ढल जायेगी जवानी
फिर कौन पूछेगा ?
तेरे नाम पर
गली के कुत्ते भी थूकेगा ।
क्या कमी रह गई थी मुझ में
जो किसी और कि बाहों में चले गए
जाते -जाते यार
नाम बदनाम कर गए ।
मर गई अंतरात्मा
ईमान खो गया
मुझ से नहीं
जमाने से तो शर्म करो ।
गज़ब है जगहंसाई !
गज़ब तेरे तेवर ,गज़ब है नाज़ो - नख़रे।
गज़ब बेवफाई, गज़ब बेहयाई !
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