कलियुग में कमल के कवच भ्रष्टाचारी को भी बचा सकता है।
कितनी ताकत है कमल में वो इसके कवच पहने लोग ही बता सकते हैं। कोई बाल बांका भी नहीं कर सकता है। मोदी सरकार के खिलाफ बोलना मना है !
मोदी सरकार से पंगा लेना, तीनों लोक से जाना है । लोकतंत्र की दुहाई देना है तो मोदी मॉडल से दीजिए।अगर इसके इतर कुछ भी कोई बोला तो खैर नहीं। मोदी के खिलाफ बोलने का मतलब लोकतंत्र, रामराज्य, विश्वगुरु के खिलाफ बोलना। देश के 1 अरब 40 करोड़ लोगों में से आधे को यही सब पसंद है तो फिर बाधा किस बात की ? लाख भ्रष्टाचार की दलदल में कोई फंसा हो ,हाथ में कमल ले ले तो उसका उद्धार तय है।यही कारण है अनेक भ्रष्टाचारियों की सद्बुद्धि समय पर आ गई और भाजपा के दामन थाम कर धन्य हो गए। राजनीति में कलंक न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है और इसी बीमारी को पकड़कर विरोधी को होश ठंढे हो रहे हैं। अनगिनत नाम है जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा,लेकिन कमल की कवच ने सबको बचा लिया। सीबीआई ने गुरुवार 22 फरवरी को 30 से अधिक ठिकानों पर रेड की है, जिनमें जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का घर भी शामिल है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सीबीआई की ये छापेमारी केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में की जा रही है.
महाराष्ट्र सरकार ने युद्ध मारे गए सैनिकों और रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए बिल्डिंग बनाने का फैसला किया था। जिसे कोलाबा में आदर्श हाउसिंग सोसायटी के नाम से बनाया गया था। इसके बनने के बाद आरटीआई में खुलासा हुआ कि नियमों को ताक में रखकर इसके फ्लैट अफसरों, नेताओं को बेहद कम कीमत में दे दिए गए। इस घोटाले का पर्दाफाश 2010 में हुआ था। इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफा देना पड़ गया था क्योंकि इस घोटाले में उनका भी नाम खूब उछला था।अब कमल के कवच से बचेंगे।

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