बिहार में पूर्ण शराबबंदी में शराब पीने से मौत ! शराब यत्र - तत्र , सर्वत्र !



मित्रों, पढने में यह अटपटा जरूर लगता होगा , लेकिन इस सच्चाई को सभी जानते है .शराब यत्र - तत्र , सर्वत्र उपलब्ध है .नुकशान  अवैध शराब पीने वाले का और सरकारी खजाने का . मजे में कौन शराब के अवैध धंधेवाज और इसके बंदी करवाने वाले साहब की . जाने शराब कहाँ - कहाँ  कैसे मिलता है ?  सरकार के नाक के नीचे पटना में , घर बैठे होम डिलेवरी , बालू लदे गाडी में , भारतीय रेल में . जलमार्ग में , सड़क मार्ग में ,महलों में झोपड़ियों में ,चूहों की बिल में , साहब के दफ्तर में ,पार्टी में ,मैयत में।  अगर कही नहीं मिलती है तो सिर्फ कंगालों के यहाँ नहीं या रईसजादों के यहाँ नहीं . नेता के यहाँ मिलता है की नहीं मालूम नहीं है ,लेकिन इनके बने हुए मिजाज देखे जा सकते है .उत्तरी बिहार में करीब 50 की मौत हो गई।इससे  किसी को क्या फर्क पड़ने वाला . मृतकों के परिजनों को भविष्य में शराब न पीने की शपथ पत्र देकर मुआवजा मिल ही जायेगा । नहीं मिला तो सरकार जाने या पीड़ित परिवार  .शराबबंदी की डंका दुनिया में बजी ये बात पक्की है .इसकी ब्रांडिंग भी  हुई । सरकार को इसके लिए मेडल मिला की नहीं सरकार जाने ,लेकिन सरकार के मुखिया को भारत रत्न की मांग छुटभैये नेता जरूर करने लगे हैं .शराब बंदी के चक्कर में कितने पुलिस सस्पेंड हुए ,कितने घायल हुए , लेकिन शराबबंदी  के नाम पर इनके पॉकेट जरुर गर्म हुए । यहां  शराब को  सख़्ती  से बंद करे नहीं तो एक दिन मालूम होगा की शराब पीते - पीते यहां की आबादी घट जायेगी ,बीमारी बोनस में मिलेगी।.  शराबबंदी में जनभागीदारी की जरुरत है .पूर्ण शराब बंद , बिहार हो बुलंद .

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