*नाटक: हरित दिवाली, स्वस्थ दिवाली*

    




*कलाकारों ने प्रदूषण मुक्त दिवाली को लेकर किया जाकरुक* 


 *वायु स्वच्छ-जीवन स्वस्थ नुक्कड़ नाटक से हरित दिवाली का संदेश* 


*वायु एवं ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए किया जागरूक* 


खगौल।मंगलवार को खगौल के  कई अलग-अलग जगहों पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, पटना के सौजन्य से चर्चित नाट्य संस्था "सूत्रधार" ने वायु एवं ध्वनि प्रदूषण पर आधारित नुक्कड़ नाटक "हरित दिवाली स्वस्थ दिवाली" का प्रदर्शन किया गया। वरिष्ठ रंगकर्मी एवं सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक पूर्व मध्य रेलवे सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मोती चौक, बेऊर मोर, दिल्ली रिपब्लिक स्कूल एवं आर्यभट्ट निकेतन, खगौल, राजकीय मध्य विद्यालय, धीरा चक, महिला कॉलेज ,खगौल , स्टेशन गोलंबर ,उच्च माध्यमिक विद्यालय मैनपुर अन्दा बाबूचक एवम  गाड़ीखाना के पास किया गया।

नाटक से पूर्व संस्था के महासचिव एवं भिखारी ठाकुर कला पुरस्कार वरिष्ठ (रंगमंच) से सम्मानित नवाब आलम ने अपने संबोधन में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का आभार जताते हुए दर्शकों से प्रदूषण मुक्त पटना बनाने की अपील की। प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक में दिखाया गया कि मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। नाटक में दिखाया गया कि दिवाली में पटाखे के विस्फोट से उत्पन्न गति आवाज और धुंआ जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। पटाखे से सल्फर, कार्बन लौह तत्व और आर्सेनिक निकलते हैं जो लोगों को बीमार बना रहे हैं। नाटक में यह भी दिखाया गया है कि पटना में गत दिनों वायु गुणवत्ता सूचकांक ( ए. एक्यू. आई) खराब स्थिति में है ऐसे में पटाखे के उपयोग से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। खतरे को भांपते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी इन 4 शहरों पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में पटाखा छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है ।कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध यादव ने किया। मौके पर प्राचार्य ज्ञानेश्वर, ,सत्यकाम सहाय,संजय विकास, विकास कुमार पप्पू, रूपेश कुमार, अस्तानन्द सिंह, आसिफ हसन, जीशान आलम, मो. राशिद समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

मुजफ्फरपुर। दीपावली के अवसर पर पटाखों के उपयोग से ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की आशंका बनी रहती है इस परिदृश्य में जन सामान्य को ध्वनि वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के मकसद से बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सौजन्य से बिहार की चर्चित नाट्य संस्था "सूत्रधार" द्वारा आज तीसरे और अंतिम दिन शनिवार को  दिल्ली मुजफ्फरपुर के इमली चट्टी, , पुरानी बाजार,हरिशंकर चौक एवं मस्जिद चौक सहित अन्य जगहों पर नुक्कड़ नाटक " हरित दिवाली स्वस्थ दिवाली " का प्रदर्शन कर दीपावली पर पटाखों का उपयोग नहीं करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। वरिष्ठ रंगकर्मी, बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग से रंगमंच के क्षेत्र में भिखारी ठाकुर सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित एवं सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम,अधिवक्ता द्वारा लिखित एवं  संजय कुमार यादव द्वारा निर्देशित नाटक में कलाकारों ने लोगों से दीपावली और छठ में पटाखे नहीं जलाने  का आग्रह किया। कलाकारों ने पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। नाटक में यह भी बताया गया कि  पटना शहर में किसी भी तरह के पटाखे छोड़ने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है अगर ऐसा करते हैं तो दंड के भागी होंगे ।

दीये जलाने में किरासन तेल का उपयोग न करें, क्योंकि इसके जलने से निकलने वाला धुआँ हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, और हमारी आँखों में जलन, आँसू व धुंधलापन ला सकते हैं।


दिवाली के अवसर पर प्रतिबंधित पटाखों का उपयोग नहीं करें। 


पटाखों से उत्पन्न आवाज हमारे कानों को नुकसान पहुंचा सकती है तथा इससे निकलने वाला धुओं, हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं।


माननीय सर्वोच्च न्यायालय(SC ) एवं माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश के आलोक में राज्य के चार नगरीय क्षेत्रों यथा पटना, गया, मुजफ्फरपुर एवं हाजीपुर, जहाँ विगत वर्ष परिवेशीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब या पायी गयी थी, वहाँ किसी भी प्रकार के पटाखों के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। 


जिला प्रशासन, पटना जिलेवासियों से इस आदेश का अनुपालन करते हुए पर्यावरण-अनुकूल दीपावली मनाने का आह्वान करता है। 


जिलाधिकारी, पटना द्वारा सभी अवैध पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने हेतु धावा दल को सतत क्रियाशील रखने तथा दोषियों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है।


         

सूत्रधार:   केवल हरीत पटाखों का उपयोग रात्रि 08 बजे से रात्रि 10 बजे तक करना है 

                         

तो आइये हम सब मिलकर प्रण लेते हैं:


पर्यावरण के अनुकूल दिवाली मनाएँ, और हरित दिवाली से स्वस्थ जीवन पायें 


i. वायु को प्रदूषित होने से बचाए और अपने जीवन को सुखी और खुशहाल बनाएं

ii. वायु है प्रकृति का वरदान इस दूषित करके ना करें इसका अपमान

iii. शुद्ध पर्यावरण शुद्ध हवा यही है स्वस्थ रहने की दवा

iv. अगर सांस लेना हमारा हक है तो वायु साफ रखना हमारी जिम्मेदारी

v. आओ मिलकर कसम यह खाएं प्रदूषण को दूर भगाएं।

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