वीआईपी शादियों में बैंड बाजे वाले व मजदूरों को भोजन नसीब नहीं होता !

   बड़े लोगों के छोटे दिल!

दूर से ही चमक दमक , साज सज्जा, रंग रोगन ,लाइट ,साउंड ,मानो स्वर्ग में आ गए। ऐसे ही बड़े लोगों की शादी में देखने को मिलती है। खानपान के व्यंजनों को गिनना मुश्किल हो जाता है । सभी प्रकार के व्यंजनों को सब को खाना वश की बात नहीं है।  ऐसी शादियां स्टेटस सिंबल हैं। बिहार में शराब बन्द है, जब चालू था तो ब्रांडेड शराब परोसे जाते थे।  महफ़िल में इंट्री करते ही देव तुल्य फिलिंग लोगों को होने लगता है। अंग पर फूल बरसते हैं, इत्र की महक ,शहनाई ,पान खिलाने वाले से लेकर सैलून ,जूते में पॉलिस मारने वाले तक रहते हैं। मनोरंजन के लिए नर्तकी से लेकर अन्य साधन उपलब्ध रहते हैं। राजा महाराजा वाली फिलिंग आती है।  वेज नानवेज ,फ्रूट जूस से लेकर चाट मसाला ..... कहीं 500 रुपये प्लेट तो कहीं 2000 रुपये तक प्लेट खाना परोसे जाते हैं।  शादियों में शौक लोग पूरा करते हैं, धन की नुमाइश करते हैं।भले ही गरीबों की बेटी की शादी में घर खेत से लेकर शरीर तक बिक जाते हैं। गरीबों के घर शादियों में भले 56 प्रकार के भोजन नहीं मिलते हैं, वो चमक दमक नहीं होते हैं लेकिन वहाँ जो भी ज्यादा जाता है ,खाना खाकर ही आता है, कोई भूखे नहीं जाता है। बड़े लोगों की शादी में कई बैंड बाजे होते हैं ,सैंकड़ों डेकोरेशन वाले मजदूर आदि होते हैं लेकिन वे वहाँ के भोजन नहीं करते हैं ,क्योंकि उन्हें महंगी प्लेट वाला खाना सख़्त मना रहता है।अगर कोई गलती से लुकछिप कर खा लिया तो वीडियो कैमरे की पड़ताल वो पकड़ा जाता है और फिर इसकी कटौती उसके ठेकेदार के बिल से होता है, ठेकेदार या बैंड मालिक उसकी वसूली मजदूर से होती है। अब जितनी मजदूरी नहीं ,उससे ज्यादा जुर्माना ही भरना पड़ता है।यह वाकया बैंड बाजा वाले ने मुझे बताया। हाय रे अमीरी ! पानी बीच मीन प्यासी !

Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

अलविदा! एक जन-नेता का सफर हुआ पूरा: प्रोफेसर वसीमुल हक़ 'मुन्ना नेता' नहीं रहे !