बाबा साहेब अंबेडकर को अपमानित करने वाले को खैर नहीं !
जेएनयू के स्टूडेंट ज्ञान प्रकाश यादव ने बड़ी बारीकी से समझाया।
मारने वाले और मारखाने वाले दोनों हिन्दू व सनातनी कैसे हो सकता है। अपमान करने वाले व अपमानित होने वाले एक कैसे हो सकते हैं? कल ऐसे ही गूढ़ बातें खगौल में मनस्मृति दहन के दिवस पर मुख्य अतिथि कार्यपालक अभियंता जयप्रकाश पासवान बोल रहे थे। क्या मंडल कमीशन पूर्णरूप से लागू हुआ क्या ? इसमें संसाधनों का ,भूमि आदि की आबादी के अनुसार हिस्सेदारी भी था, जी अब तक नहीं हुआ। बाबा साहेब समता मूलक समाज की बात करते थे।आर्थिक आज़ादी के बिना स्वतन्त्रता अधूरी है। बिहार में जातीय जनगणना हुआ लेकिन इसे बड़ी होशियारी से ख़ारिज कर दिया गया। जनगणना केंद्र सरकार द्वारा होती है जिसका गजट बनता है लेकिन इस पर ग्रहण लगा दिया गया है। ऐसी जनगणना से हिस्सेदारी मिलने की संभावना है। बिहार सरकार न्याय के साथ विकास की बात कहकर आंखों में धूल झोंक रही है। माना कि दिल्ली केंद्र है ।कानपुर वाले और गुवाहाटी वाले दोनों को दिल्ली आने के लिए हवाई जहाज दे दिया ।अब आप कहेंगे कि यह न्याय के साथ विकास है। समझने वाली बात है कि जो केंद्र के नजदीक पहले से ही है यानी कानपुर में है और जो केंद्र से दूर गुवाहाटी में है।अगर दोनों दिल्ली के लिए उड़ान भरते हैं तो पहले कानपुर वाले ही पहुंचेंगे जो पहले से ही केंद्र के नजदीक हैं। न्याय के साथ विकास का मतलब यह होता कि गुवाहाटी वाले को हवाई जहाज से और कानपुर वाले को ट्रेन से भेजते।
ट्रेन में सफर करते समय आपसे धर्म ,सनातन की बात नहीं पूछी जाएगी । जाति पूछने के लिए आपका नाम ,पिता का नाम पूछा जायेगा ।अगर इससे भी संतुष्टि नहीं होगी तो आपका आश्रय पूछ कर आपकी जाति पता कर ही लेगा ।
धर्म व सनातन के नाम पर मनुवादी व्यवस्था कायम रखना चाहते हैं।
तालाब से पशु पक्षियों को पानी पीने की आज़ादी थी लेकिन बहुजनों से छूत थी इसलिए बाबा साहेब 1925 में तालाब में घुसकर इस अमानवीय व्यवहार को तोड़ा था जिसमें वे लोग मार भी खाये थे ।पूना पैक्ट में इसी तस्वीरे को दिखाकर वंचितों के लिए आरक्षण की मांग की थी।
अमित शाह को धरती छोड़कर स्वर्ग में चले जाना चाहिए जो दूसरों को स्वर्ग की नसीहत देते हैं ।वंचितों के लिए भगवान बाबा साहेब अंबेडकर ही है।
पूरे दर्शक शांत चित्त से वक्ताओं को सुन रहे थे।
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