ई-संजीवनी ओपीडी आपके काम के हैं।क्या आप जानते हैं?
ई-संजीवनी ओपीडी
से उन लोगों को काफी मदद मिली है, जिन्हें कोरोना महामारी के दौरान डाक्टरों से स्वास्थ्य सलाह लेने में मुश्किलें हो रही थीं। इसे सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग द्वारा विकसित किया गया है। ई-संजीवनी ओपीडी का मुख्य उद्देश्य डिजिटलीकरण की मदद से उन व्यक्तियों को स्वास्थ्य सलाह प्रदान करना है, जिनके लिए अस्पतालों का दौरा करना मुश्किल होता है। राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा के तहत लाभार्थियों को टेली परामर्श की पेशकश करने के लिए 1,00,000 से अधिक डाक्टर और चिकित्सा विशेषज्ञ बोर्ड पर हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ई-संजीवनी सरकार द्वारा शुरू की गई अपनी तरह की पहली टेलीमेडिसिन पहल है, जो ई-संजीवनी आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से आनलाइन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती है। देशभर में ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी के माध्यम से अब तक 2.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को चिकित्सा परामर्श प्रदान किया जा चुका है। इसके अलावा, करीब 74 लाख लाभार्थियों ने ई-संजीवनी ओपीडी प्लेटफार्म के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया है। ये सुविधाएं एंड्रायड और आइओएस दोनों ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं।
ई-संजीवनी ओपीडी के तहत आपको कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। इनमें पेशंट रजिस्ट्रेशन, टोकन जेनरेशन, क्यू मैनेजमेंट, डाक्टर के साथ आडियो-वीडियो कंसल्टेशन, ई-प्रिस्क्रिप्शन, एसएमएस/ईमेल के माध्यम से सूचनाएं, राज्य के डाक्टरों द्वारा सर्विस, फ्री सर्विस आदि शामिल हैं।
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