घट गया विदेशी मुद्रा का भंडार ! रुपये भी सर्वकालिक निचले स्तर पर !- प्रो प्रसिद्ध कुमार।
देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी है ? यह आंकड़ों से समझा जा सकता है। रुपये का सर्वकालिक निचले स्तर पर चला गया वो अलग है।ऐसे में उद्योगपतियों को ऋण माफ़ करना कहाँ तक उचित है? यही नहीं 18 वर्ष से 50 वर्ष तक के कमाऊ लोगों को मुफ्त में राशन की रेबड़ी बांटना कितना न्यायसंगत है? सत्ता के कुछ भी करना देश हित में नहीं है।एक तरफ धार्मिक आयोजनों पर अरबों लुटाना ये देश की कौन सी आधारभूत संरचना का निर्माण हो रहा है ? दूसरी तरफ शिक्षा को महंगी कर दी गई है जो गरीबों को अनपढ़ रखने की साजिश है।
27 दिसंबर, 2024 को जारी आंकड़ों के अनुसार, 20 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा आस्तियां, जो भंडार का एक प्रमुख घटक हैं, 6.014 अरब डॉलर घटकर 556.562 अरब डॉलर रह गईं।
डॉलर के संदर्भ में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।
आरबीआई ने कहा कि सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 2.33 अरब डॉलर घटकर 65.726 अरब डॉलर रह गया।
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