यूपी में भूख की तड़प से आत्महत्या !😢
छः रोटियों
की टुकड़ी कर आठ लोग खाये । बच्चे सहित सभी भूखे रह गए। कुम्भ मेला से भले ही देश की जीडीपी 1 फ़ीसदी बढ़ने की और यूपी की खुशहाली की दावे किये जा सकते हैं लेकिन एटा की घटना मानवता को शर्मसार कर दिया है। लोककल्याणकारी राज्य में कहां चूक हो रही है कि आज भी लोग भूखे पेट सोने के लिए मजबूर हैं और भूख से व्याकुल होकर आत्महत्या कर रहे हैं। रामराज्य की कल्पना करने वाले को अपनी व्यवस्था को सुधार करने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश के एटा जिले से दिल को झकझोरने वाली घटना घटी है। यहां आठ सदस्यों के परिवार के भरण-पोषण का पूरा भार पति की मौत के बाद पत्नी सुमन पर था। स्कूल जाते थे तो मध्याह्न भोजन से पेट भर जाता था लेकिन रविवार को स्कूल बंद होने पर बच्चे भूखे ही रह गए।
घर में जितना आटा था, उससे कुल छह रोटियां बनीं। सभी आठ सदस्यों में ये रोटियां टुकड़ों में बंटी तो मां का कलेजा भर आया। यहीं से उसके जीने की चाह खत्म हो गई। नगला पवल निवासी रामबेटी ने बताया कि बेटे की दो वर्ष पूर्व हुई मौत के बाद पुत्रवधू सुमन (35) काफी परेशान रहने लगी थी।
रविवार होने के कारण हम लोग स्कूल नहीं गए थे
मेरे साथ ही छोटी बहनें मोहिनी, सुधा, संतोषी और भाई कन्हैया सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाते हैं। छोटा भाई विवेक घर पर रहता है। छाया ने बताया कि रविवार होने के कारण हम लोग स्कूल नहीं गए थे, तो दिन में खाना नहीं मिला। सुबह के नाश्ते के बाद शाम को घर पर मुट्ठीभर आटा था जिससे छह रोटियां बन पाईं।
खाने वाले लोग आठ थे, टुकड़ों में रोटी बांटी गईं और किसी का पेट नहीं भरा। रोते हुए रामबेटी ने बताया कि मेरे पास सिर्फ एक रोटी का टुकड़ा आया था। बच्चों की भी यही स्थिति थी। इसी बात से सुमन बहुत दुखी हो गई और अगले दिन सोमवार को उसने जान दे दी।
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