सादगी व निश्छलता को लोग बेवकूफी समझते हैं।-प्रसिद्ध
सादगी व निश्छलता मनुष्य का गहना है, चरित्र एवम मानवता है।बदलते समय में लोगों के कोपभाजन के कारण ये गुण लोग त्याग रहे हैं और आज के सबसे होशियार, चतुर और आधुनिक बनने के दौड़ में शामिल होने लगे हैं। नतीजा, विश्वसनीयता का खत्म होना। निश्छल लोग ढूंढे नहीं मिलते हैं ।हाँ , इसके नॉटंकी करने वाले लोग जरूर मिल जाएंगे। आज अर्थोपार्जन से लोगों की सफलता आंकी जाती है, चाहे वो अर्थोपार्जन गलत तरीके से ही क्यों न हो ? यह प्रचलन समाज को कितना नीचे धकेल देगा ,इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। मुँहफट लोग हर चीज के विशेषज्ञ बनते हैं लेकिन सच्चाई है कि वो नीम हकीम खतरे जान होते हैं। ऐसे लोग चरित्रहीन के साथ खजाने पर डाका डालने वाले होते हैं और किसी काम के नहीं होते हैं।
सादगी व निश्छलता रूपी गहने को अपने साथ बनाये रखें ।कौन क्या कहता है, उसकी परवाह न करें। ऐसे लोगों को चाहने वालों बहुत होते हैं।
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