20 साल से पेयबन्द लगाकर चल रही है नीतीश सरकार !
कभी भाजपा ,कभी राजद रफ़्फ़ु कर नीतीश सरकार को चला रही है। बिहार की नम्बर 3 की पार्टी के मुखिया सीएम बनकर राज्य की नीति को अपनी मर्जी से लागू कर रहे हैं। यही है लोकतंत्र व लोकप्रिय राजनेता का हश्र। भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है और केंद्र में भी सरकार है फिर भी लंगड़ी सरकार को ढो रही है। इस बार भाजपा की मजबूरी है नीतीश को ढोना ,क्योंकि वो भी लंगड़ी सरकार है।कब धलमला के गिर जाए कहना मुश्किल है। राजद नीतीश के प्रति उदारवादी रहती ।इसे लगता है कि अब नीतीश हमारे हो गए। सच्चाई है कि नीतीश जैसा कोई सत्ता के लिए व्यक्तिवादी नहीं है। राजनेताओं का चाल चरित्र सत्ता तक सिमट तक रह गई है।सत्ता के लिए किसी से भी कोई समझौता कर सकता है। आम आदमी बाट जोह रहे हैं कि कोई तारणहार मिले। अपनों से फुर्सत है कि गैरों को देखे। सत्ता की मलाई किसी तरह से चाभो !भांड में जाये जनता!
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